नववर्ष के रंग मे ढ़लते है
चौकड़िया छंद के प्रमुख नियम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*धन्य-धन्य वे जिनका जीवन सत्संगों में बीता (मुक्तक)*
मौसम बहुत सर्द है, आओ कुछ ख़्वाहिशों को आग लगाई जाए!!
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
माना जिंदगी चलने का नाम है
-बहुत देर कर दी -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
- प्रकृति ने दिया उपहार करो मत उसका उपहास -
रौनक़े कम नहीं हैं चाहत की