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5 Sep 2024 · 1 min read

बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू

बहुत साल पहले
जब मैं अपने
घर से बहुत दूर था
मुझे एक पहाड़
दिखता था
तब मुझे लगता था
कि इस पहाड़ के दूसरी तरफ मेरा घर है।
पर सच ये था कि
मेरा घर उस जैसे हज़ारों पहाड़ो के पार था

बरसों बाद
आज जब
मैं अपने ही घर में
बैठा हूँ ।
देख रहा हूँ
आसमान को जिसे
एक काले बादल ने
घेर रखा है
पर उसके पीछे सूरज
अभी भी झांक रहा है
लग रहा है
जैसे ये बादल एक
एक पहाड़ है।

ये दृश्य मुझे डरा रहा है।
मुझे लगता है
उस बादल के पार मेरा एक और घर है।

(जबकि मैं तो अपने ही घर पर बैठा हूँ ।)

Language: Hindi
50 Views

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