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30 Oct 2024 · 1 min read

मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो

मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो
उसे भूलने में उम्र
लगती है
वह चेहरा भूल भी जाता है
मगर उस से जुड़ी दिल की
सभी यादें
अमरबेल की तरह
रूह के शजर से शाख़
दर शाख़
लिपटी ही रहती हैं
उन्हें ख़ुद से जुदा करने में
एक उम्र लगती है!

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