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11 Jun 2024 · 1 min read

“इसे शिष्टाचार कहते हैं”

डॉ लक्ष्मण झा परिमल

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जन्म दिन है तुम्हारा

तो सभी तुम्हें

प्यार करते हैं

बधाई तुमको मिलती है

कोई दीर्घायु कहते हैं

कभी हम शादियों के भी

पावन तिथि मानते हैं

सभी को आग्रह

करके बधाई

संदेश पाते हैं

जनम होता

जो बच्चों का

तो फोटो डाल देते हैं

बधाई मिलती है सबसे

जनम दिन हम मानते हैं

यह कैसी रीत है

बोलो सभी से

प्यार लेते हो

जरा दिल से

स्वयं पुछो

किसे धन्यवाद करते हो ?

खुशी के पल में

जब कोई तुम्हें

आशीष देता है

अपने सु वचन से ही

तुम्हें सौगात देता है

तुम्हें तो

भूलना आता

सदा तुम मौन रहते हो

किसी भी श्रेष्ठ को

झुककर नहीं

प्रणाम करते हो

बड़े वे लोग

होते हैं

सबों का सम्मान करते हैं

विनम्रता से जरा जी लो

इसे शिष्टाचार कहते हैं !!

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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “

साउन्ड हेल्थ क्लिनिक

एस 0 पी 0 कॉलेज रोड

दुमका ,झारखंड

भारत

11.06.2024

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