सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
समय आता है
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
स्त्री का बल, स्त्री का संबल।
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
गुरु चरणों की धूल
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बंदे को पता होता कि जेल से जारी आदेश मीडियाई सुर्खी व प्रेस
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
brown in his eyes reminds me of those morning skies
नसीहत
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
वक्त इतना बदल गया है क्युँ