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6 Apr 2024 · 1 min read

“मंजर”

“मंजर”
उठा कुछ धुआँ-धुआँ सा
और जल उठे अरमां,
वो अजीब सा मंजर रहा
दिल-ए-संसार का।

3 Likes · 3 Comments · 148 Views
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