”Video Call”
ना तुम बोले ना हम कुछ बोले
यूं ही निहारते रहे इक दूजे को
और इशारे में सारी बात हो गई
फासला बहुत है तेरे मेरे घर का
मगर दिल की नजदीकियों से
हमारी मुलाकात हो गई
चुप रह कर मुलाकात की हमनें
आज खामोशी में ही बात की हमनें
अल्फ़ाज़ होंठों से निकलें नहीं
और बात इशारों में मुकम्मल हो गई
डूबकर देखा ही था तेरी निगाहों में
और मुलाकात एहसासों में हो गई
शिव प्रताप लोधी