Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 · 1 min read

रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa’

एक कुंडलियां छंद-
रुपया-पैसा सब जगह,बिन पैसे नही कुछ।
पैसा गया त बूझ लो, बिगड़ा जग का रूप।।

बिगड़ा जग का रूप,जगत सम्मान न देता।
टेढ़ा मुह सब करें, घरो-परिवार-चहेता।।

‘प्यासा’ कर ले काम,न कोई इसके जैसा।।
होंगे तेरे पास, तभी तो रुपया-पैसा।।
-‘प्यासा’

213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

भीगी पलकें...
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
Dhirendra Singh
पदावली
पदावली
seema sharma
बाघों की चिंता करे,
बाघों की चिंता करे,
sushil sarna
भांति भांति जिन्दगी
भांति भांति जिन्दगी
Ragini Kumari
नेता जी को याद आ रहा फिर से टिकट दोबारा- हास्य व्यंग्य रचनाकार अरविंद भारद्वाज
नेता जी को याद आ रहा फिर से टिकट दोबारा- हास्य व्यंग्य रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
rkchaudhary2012
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बाकी है----
बाकी है----
Shally Vij
चाहतें हैं
चाहतें हैं
surenderpal vaidya
...
...
*प्रणय प्रभात*
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
पूर्वार्थ
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
ना जाने यूं इश्क़ में एक ही शौक़ पलता है,
ना जाने यूं इश्क़ में एक ही शौक़ पलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुख़्तसर   राब्ते   करे    सबसे ।
मुख़्तसर राब्ते करे सबसे ।
Dr fauzia Naseem shad
वर्णिक छन्दों का वाचिक प्रयोग
वर्णिक छन्दों का वाचिक प्रयोग
आचार्य ओम नीरव
हार से डरता क्यों हैं।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
Raazzz Kumar (Reyansh)
मंच पर मेरी आज की प्रस्तुति
मंच पर मेरी आज की प्रस्तुति
Seema Verma
उल्लाला छंद
उल्लाला छंद
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
उनसे मिलने से पहले ही अच्छे थे अपने हालात
उनसे मिलने से पहले ही अच्छे थे अपने हालात
Jyoti Roshni
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
तन्हाई को जश्न दे चुका,
तन्हाई को जश्न दे चुका,
goutam shaw
*आजादी की राखी*
*आजादी की राखी*
Shashi kala vyas
इतना गुरूर ना कर ए ज़िंदगी
इतना गुरूर ना कर ए ज़िंदगी
jyoti jwala
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म
Shailendra Aseem
आग से जल कर
आग से जल कर
हिमांशु Kulshrestha
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Rahul Singh
दूरी अच्छी है
दूरी अच्छी है
Rambali Mishra
Loading...