Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2024 · 1 min read

अदावत

अपनी प्रभुता पर
बना अभिमान क्यों,
उपजी कटुता का
नहीं है भान क्यों।
सरलभाषी की
सहजता पर हंसी,
वाकपटुता पर
घना गुमान क्यों।

अंतर में विष की
मिलावट क्यों करें,
हरदम बातों की
बनावट क्यों करें।
औरों के दिल को
दुखाना लाज़मी न,
खुद से ही खुद की
अदावत क्यों करें।

Language: Hindi
33 Views
Books from Satish Srijan
View all

You may also like these posts

Lambi khamoshiyo ke bad ,
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Sakshi Tripathi
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
अशोक कुमार ढोरिया
#गणपति_बप्पा_मोरया
#गणपति_बप्पा_मोरया
*प्रणय*
छौर कर लिया
छौर कर लिया
Sonu sugandh
गुरु
गुरु
Dr Archana Gupta
बहन भी अधिकारिणी।
बहन भी अधिकारिणी।
Priya princess panwar
"गानों में गालियों का प्रचलन है ll
पूर्वार्थ
बात
बात
Ajay Mishra
- दिल की बाते शायद में मेरे दिल में रख पाऊ -
- दिल की बाते शायद में मेरे दिल में रख पाऊ -
bharat gehlot
पत्नी के डबल रोल
पत्नी के डबल रोल
Slok maurya "umang"
"दो नावों पर"
Dr. Kishan tandon kranti
जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे
जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे
VINOD CHAUHAN
मैं जिन्दगी में
मैं जिन्दगी में
Swami Ganganiya
माँ दहलीज के पार🙏
माँ दहलीज के पार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे  जिससे हर य
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे जिससे हर य
RAMESH Kumar
पयार हुआ पराली
पयार हुआ पराली
Anil Kumar Mishra
आंखें मूंदे हैं
आंखें मूंदे हैं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
3049.*पूर्णिका*
3049.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
Dr. Vaishali Verma
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
शेखर सिंह
जेल डायरी (शेर सिंह राणा)
जेल डायरी (शेर सिंह राणा)
Indu Singh
यदि चाहो मधुरस रिश्तों में
यदि चाहो मधुरस रिश्तों में
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हरेला
हरेला
आशा शैली
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नज़दीक आने के लिए दूर जाना ही होगा,
नज़दीक आने के लिए दूर जाना ही होगा,
Ajit Kumar "Karn"
वक़्त ने जिनकी
वक़्त ने जिनकी
Dr fauzia Naseem shad
ख्याल
ख्याल
Mamta Rani
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नील छंद (वर्णिक) विधान सउदाहरण - ५भगण +गुरु
नील छंद (वर्णिक) विधान सउदाहरण - ५भगण +गुरु
Subhash Singhai
अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया
अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
Loading...