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17 Feb 2024 · 1 min read

अलसुबह

सुनो मुक्त परिंदो का चह चहाना अल सुबह,

सप्त सुर संँग छेड़ रहा रवि तराना अल सुबह,

मुदित हो रही कली प्रभास के प्रथम् मिलन से-

अहा! देखो गुलाब का मुस्कुराना अल सुबह।

संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर (राज.)

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