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9 Aug 2024 · 1 min read

~ग़ज़ल ~

~ग़ज़ल ~
कोई पहले कोई बाद में परेशान हुआ।
जो ना समझा हर इक बात में परेशान हुआ।
***
ये दुनिया चल रही ऐसे ही रफ्तार में कुछ ,
कोई तन्हा कोई साथ में परेशान हुआ।
***
कभी तो देखें अपने आस और पास में भी,
सच्च क्यों झूठे करामात में परेशान हुआ।
***
जितनी चालाकियां हैं आज इंसान के बीच,
अपने हाथो हर हालात में परेशान हुआ।
***
ऐसे जाना दुनिया छोड़ प्यार-हल्ले ‘प्यासा’
हर एक दिल दिखे याद में परेशान हुआ।
***
-‘प्यासा’
Vijay Kumar Pandey
मौलिक

1 Like · 200 Views
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