Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

*लड़ाई*

क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में,
क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में,
खून खराब और जग की रुसवाई में,
क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में।
क्या करोगे धन माल दौलत का,
क्या करोगे धन माल दौलत का,
यह ना जाएगा तुम्हारे साथ चारपाई में,
क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में।
रह जाओगे फिर भी अकेले तुम,
सोचोगे सदा तन्हाई में,
कि क्या रखा है खून खराबा और लड़ाई में।
चंद सिक्कों के लिए अपना वजूद मिटा के,
नफरत के दिए दिलों में जलाके,
स्त्रियों के माथे का सिंदूर हटाके,
तब तुम सोचोगे तन्हाई में,
क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में।
प्रेम के दो शब्द बोल देते जिंदगानी में,
प्रेम के दो शब्द बोल देते जिंदगानी में,
तुम्हारा भी नाम होता आज की कहानी में,
तब तुम समझते की,
क्या रखा है आज की लड़ाई में,
क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में।।

106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

परिचय
परिचय
Manoj Shrivastava
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
शेखर सिंह
"किताब के पन्नों में"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
"राहों की बाधाओं से ,
Neeraj kumar Soni
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
Shweta Soni
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
gurudeenverma198
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
/-- रंग गुलों के --/
/-- रंग गुलों के --/
Chunnu Lal Gupta
दिल
दिल
हिमांशु Kulshrestha
ज्ञान सत्य मूल्य है
ज्ञान सत्य मूल्य है
Rambali Mishra
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
Ranjeet kumar patre
अनुज सुधीर
अनुज सुधीर
Sudhir srivastava
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
हमसे नजरें चुराओगे कब तक
हमसे नजरें चुराओगे कब तक
Jyoti Roshni
पुरुष और स्त्री
पुरुष और स्त्री
पूर्वार्थ
रुद्र सा होगा प्रलयंकर
रुद्र सा होगा प्रलयंकर
कविराज नमन तन्हा
"बचपन"
राकेश चौरसिया
कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
Dr fauzia Naseem shad
देश
देश
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
ये गड़ी रे
ये गड़ी रे
Dushyant Kumar Patel
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
खुद से है दूरी  मीलो की...
खुद से है दूरी मीलो की...
Priya Maithil
*आज का दोहा*
*आज का दोहा*
*प्रणय प्रभात*
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
Ajit Kumar "Karn"
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
भक्त बनो हनुमान के,
भक्त बनो हनुमान के,
sushil sarna
फूलों के साथ महक का सच हैं।
फूलों के साथ महक का सच हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
Loading...