~प्यासा प्रेम ~

~प्यासा प्रेम ~
प्यासा’ प्रेम अमोल है मत तोड़ो झटकाय।
टूटे डोर पतंग का बहुत दूर चलि जाय।।
बहुत दूर चलि जाय, हाथ ना फिर वो आवे।
खान पान सम्मान राग मनही ना भावे।
कह प्यासा कविराय,हाथ को लगे निराशा।
ना मिलता वो प्रेम, आदमी फिरता प्यासा।।
-“प्यासा”