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9 Jul 2024 · 1 min read

गगरी छलकी नैन की,

गगरी छलकी नैन की,
जब बरसी बरसात।
कैसे बीती क्या कहूँ,
मुझ विरहन की रात।।

सुशील सरना 9-7-24

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