Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

घर पर घर

घर पे घर, और कितने घर।
आदमी फिर भी दर ब दर।

बोझ ख्वाहिशें का सीने पर
दब नीचे न जाऊँ मैं मर।

कंकरीट का जंगल उगाया
कहूँ कैसे, पेड़ छाँव कर।

भीड़ लगी हर रहगुज़र पे
हर शख्स है तन्हा मगर

इन घरों को बनाने वाले
बाहर ही है मिलते अक्सर।

भागमभाग लगी है हर पल
रख ले थोड़ा तू सब्र।

मिटता जाता प्रेम मन से
इस पे भी ध्यान तू धर।
Surinder kaur

Language: Hindi
258 Views
Books from Surinder blackpen
View all

You may also like these posts

मजबूरी
मजबूरी
P S Dhami
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
गुमनाम 'बाबा'
उनके जख्म
उनके जख्म
'अशांत' शेखर
Destiny
Destiny
Chaahat
अब लगती है शूल सी ,
अब लगती है शूल सी ,
sushil sarna
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
महिला खिलाड़ी
महिला खिलाड़ी
Indu Singh
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
రామయ్య రామయ్య
రామయ్య రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मेरे बस में नहीं मेरे जज्बात हैं अब
मेरे बस में नहीं मेरे जज्बात हैं अब
Jyoti Roshni
10वीं के बाद।।
10वीं के बाद।।
Utsaw Sagar Modi
लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।
लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।
Iamalpu9492
प्रकृति की चेतावनी
प्रकृति की चेतावनी
Indu Nandal
प्रिय का इंतजार
प्रिय का इंतजार
Vibha Jain
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
पौधा
पौधा
कार्तिक नितिन शर्मा
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नवरात्र में अम्बे मां
नवरात्र में अम्बे मां
Anamika Tiwari 'annpurna '
2814. *पूर्णिका*
2814. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
था जाना एक दिन
था जाना एक दिन
अमित कुमार
- अब में तुम्हारी खैरियत कैसे पुछु -
- अब में तुम्हारी खैरियत कैसे पुछु -
bharat gehlot
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
है कौन सबसे विशाल
है कौन सबसे विशाल
उमा झा
दोहे रमेश शर्मा के
दोहे रमेश शर्मा के
RAMESH SHARMA
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता हरेला
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता हरेला
Rakshita Bora
गठबंधन की अंतिम शर्त
गठबंधन की अंतिम शर्त
Sudhir srivastava
प्यार कर हर इन्सां से
प्यार कर हर इन्सां से
Pushpa Tiwari
अपनी-अपनी जुगत लगाने, बना रहे घुसपैठ।
अपनी-अपनी जुगत लगाने, बना रहे घुसपैठ।
kumar Deepak "Mani"
काश !!..
काश !!..
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...