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24 May 2024 · 1 min read

नवरात्र में अम्बे मां

चैत महीना की वह तिथि आई,
अम्बे मां सब जग हैं छाई।

छत्र ,चंवर से सजे मां का दरबार ,
भक्त करें मां की ह्रदय से पुकार।

उमा, रमा , अंबिका, भवानी,
अजा ,अनादि, शक्ति अविनाशिनी।

मां का अद्भुत रूप अपार,
ध्वजा ,पताका,बंदनवार।

चारों तरफ होती जय जयकार,
भक्तों की है लगी कतार।

अर्चन , बंदन ,आरती करते,
मन ही मन गदगद हो उठते।

घर – घर घटस्थापना होती,
अम्बे मां नव रूप में होती।

मां का भवन लगे बहुत निराला,
अद्भुत, अनुपम, जग से न्यारा।

हाथ जोड़ मैया विनती करूं मैं,
भक्तों के हित कुछ अरज करूं मैं।

सबकी नैया लगा दे पार,
अम्बे माता शेरावाली ।

अनामिका तिवारी “अन्नपूर्णा “

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