Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

शलभ से

भोले शलभ! अब तुम मचलना छोड़ दो।
दीप पर क्या असर अब जलना छोड़ दो।
क्यूं विवश हो पहुॅंच जाते उसके द्वार ?
क्या दबा सकते नहीं मन की मनुहार ?
मन पर अब ऐतबार करना छोड़ दो।
भोले शलभ! अब तुम मचलना छोड़ दो।
जीत की चाह नहीं गले लगाते हार ?
क्यूं गूंथते हो तुम‌ प्रीत का यह तार ?
ऑंसूओं में गम बहाना छोड़ दो।
भोले शलभ! अब तुम मचलना छोड़ दो।
दीपक जल करता जग-तम का संहार।
पर शलभ! तेरा जलना लगता निस्सार।
तुम व्यर्थ ही अग्नि में दहना छोड़ दो।
भोले शलभ! अब तुम मचलना छोड़ दो।
समझा ना अब तक वह तेरे उद्गार।
फिर क्यूं सजाते हो भावों का संसार ?
स्वर्णिम स्वप्न-महल बनाना छोड़ दो।
भोले शलभ! अब तुम मचलना छोड़ दो।

—प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव,
अलवर(राजस्थान)

Language: Hindi
1 Like · 503 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

रिश्ता है या बंधन
रिश्ता है या बंधन
Chitra Bisht
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बिहार-झारखंड के दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य | डॉ. मुसाफ़िर बैठा
बिहार-झारखंड के दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य | डॉ. मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
भजन- कावड़ लेने आया
भजन- कावड़ लेने आया
अरविंद भारद्वाज
हर दिल में एक रावण
हर दिल में एक रावण
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तनातनी
तनातनी
Laxmi Narayan Gupta
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पर्वत के जैसी हो गई है पीर  आदमी की
पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की
Manju sagar
3966.💐 *पूर्णिका* 💐
3966.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
असफलता के डर से पीछे हटना हमें कभी भी सफल नहीं बनाता। अच्छी
असफलता के डर से पीछे हटना हमें कभी भी सफल नहीं बनाता। अच्छी
ललकार भारद्वाज
.
.
*प्रणय प्रभात*
रिश्तों को निभा
रिश्तों को निभा
Dr fauzia Naseem shad
वक़्फ़ बोर्ड
वक़्फ़ बोर्ड
विजय कुमार अग्रवाल
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
Anis Shah
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
विनती
विनती
Kanchan Khanna
विवश मन
विवश मन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
पूछो ज़रा दिल से
पूछो ज़रा दिल से
Surinder blackpen
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सरपरस्त
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
मुझको आवारा कहता है - शंकरलाल द्विवेदी
मुझको आवारा कहता है - शंकरलाल द्विवेदी
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
एड़ियाँ ऊँची करूँ हिम्मत नहीं है
एड़ियाँ ऊँची करूँ हिम्मत नहीं है
Dhirendra Panchal
अक्षम_सक्षम_कौन?
अक्षम_सक्षम_कौन?
Khajan Singh Nain
The leaf trying its best to cringe to the tree,
The leaf trying its best to cringe to the tree,
Chaahat
तुम्हारे वास्ते हम ने गुलाल भेजा है
तुम्हारे वास्ते हम ने गुलाल भेजा है
Neeraj Naveed
विलीन
विलीन
sushil sarna
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
थोड़ी मैं, थोड़ा तुम, और थोड़ी सी मोहब्बत
थोड़ी मैं, थोड़ा तुम, और थोड़ी सी मोहब्बत
Ranjeet kumar patre
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
पढ़ रहा हूँ
पढ़ रहा हूँ
इशरत हिदायत ख़ान
Loading...