अकेले आए दुनिया में अकेले ही तो जाना है।
अकेले आए दुनिया में अकेले ही तो जाना है।
हुआ है कब मुकम्मल ज़िन्दगी का जो तराना है ।
अकेले हम अकेले तुम, अकेले हैं यहाँ सारे,
मिला किरदार जो जिसको, उसे आखिर निभाना है।।
✍️अरविन्द त्रिवेदी
अकेले आए दुनिया में अकेले ही तो जाना है।
हुआ है कब मुकम्मल ज़िन्दगी का जो तराना है ।
अकेले हम अकेले तुम, अकेले हैं यहाँ सारे,
मिला किरदार जो जिसको, उसे आखिर निभाना है।।
✍️अरविन्द त्रिवेदी