*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
कभी भी आपका मूल्यांकन किताब से नही बल्कि महज एक प्रश्नपत्र स
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है...
दिल के एहसास में जब कोई कमी रहती है
होली के पावन पर्व पर पुलवामा शहीदों और पल - पल शहीद होते अन्