Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2024 · 1 min read

प्यासा के हुनर

❤️❤️❤️
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
हुनर वैसा भी नही कि लीख का लाख हो जाये ।
यहां कहना है साहब कि हुनर ईमानदार हो ।
नही तो वैसा क्या हुनर कि खुनी माफ हो जाये।
❤️❤️❤️
–‘प्यासा’

238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

काह कहों वृषभानु कुंवरि की
काह कहों वृषभानु कुंवरि की
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
Karuna Goswami
"कष्ट"
Dr. Kishan tandon kranti
*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अक्सर देखते हैं हम...
अक्सर देखते हैं हम...
Ajit Kumar "Karn"
3683.💐 *पूर्णिका* 💐
3683.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
HITCLUB là cổng game bài trực tuyến đẳng cấp với trang chủ c
HITCLUB là cổng game bài trực tuyến đẳng cấp với trang chủ c
HIT CLUB
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
संजय कुमार संजू
दिल का गुस्सा
दिल का गुस्सा
Madhu Shah
अंतर्राष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया की संगीतमय प्रस्तुति से भक्त हुए भाव-विभोर
अंतर्राष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया की संगीतमय प्रस्तुति से भक्त हुए भाव-विभोर
The World News
उम्र ज्यादा नहीं है,
उम्र ज्यादा नहीं है,
Umender kumar
धन तभी सार्थक है जब धर्म भी साथ हो, विशिष्टता तभी सार्थक है
धन तभी सार्थक है जब धर्म भी साथ हो, विशिष्टता तभी सार्थक है
ललकार भारद्वाज
एक चौराहा
एक चौराहा
sushil sarna
उजड़ें हुए चमन की पहचान हो गये हम ,
उजड़ें हुए चमन की पहचान हो गये हम ,
Phool gufran
Beyond The Flaws
Beyond The Flaws
Vedha Singh
जज्बात
जज्बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुलसी दिवस
तुलसी दिवस
Satish Srijan
चल रही हूँ मैं ,
चल रही हूँ मैं ,
Manisha Wandhare
एहसास
एहसास
Kanchan Khanna
ख़ामोशी
ख़ामोशी
Dipak Kumar "Girja"
दहेज एक समस्या– गीत
दहेज एक समस्या– गीत
Abhishek Soni
■ निर्णय आपका...
■ निर्णय आपका...
*प्रणय प्रभात*
गज़ल
गज़ल
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मैं मरूँगा किसी शहर और काल में नहीं-
मैं मरूँगा किसी शहर और काल में नहीं-
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
हौले हौले से
हौले हौले से
हिमांशु Kulshrestha
वनक पुकार
वनक पुकार
श्रीहर्ष आचार्य
मेंहदीं
मेंहदीं
Kumud Srivastava
पन्द्रह अगस्त
पन्द्रह अगस्त
राधेश्याम "रागी"
*सत्य : और प्रयोग*
*सत्य : और प्रयोग*
Ghanshyam Poddar
Loading...