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28 Feb 2025 · 1 min read

धन तभी सार्थक है जब धर्म भी साथ हो, विशिष्टता तभी सार्थक है

धन तभी सार्थक है जब धर्म भी साथ हो, विशिष्टता तभी सार्थक है जब शिष्टता भी साथ हो, सुंदरता तभी सार्थक है जब चरित्र भी शुद्ध हो, रिश्तों का होना तभी सार्थक है जब उसमें प्यार और विश्वास हो, कर्म पर विश्वास रखो और ईश्वर पर आस्था फिर कितना भी मुश्किल वक्त क्यों न हो निकलेगा जरूर कोई ना कोई रास्ता…🙏🏃🏻राष्ट्रहित सर्वोपरि रखिए। हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती नई पीढ़ी को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों से अवगत कराना और उनके कर्तव्यबोध का उनको ज्ञान कराना है। संस्कारों की लड़ाई है जीतना जरूरी है। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् …भारत माता की जय 🚭‼️

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