कहिए सुनिए सोच के -प्यासा के कुंडलियां

~कुंडलियां~
कहिए सुनिए सोच के, चाहे जो भी बात।
लेन देन हम आपका, होता यहीं हिसाब ।।
होता यहीं हिसाब,सदायें पीछा करती।
रह जाते जो काम, सभी को करनी पड़ती।।
प्यासा कहे सुधार चलें मिल खुद में करिए।
चाहे जो हालात,सोच के सुनिए कहिए।।
-प्यासा