विद्या देवी

विद्या देवी दे दो विद्या।
दूर हमारे करो अविद्या।
मन से तम हों दूर सदा ही।
ज्योत ज्ञान की जले सदा ही।
उर में तेरा वास रहे माँ।
सांसों में प्रतिवास रहे माँ।
गलत न हमसे होने पाये।
कभी तुझे मत खोने पाये।
पढ़ के लिख के नाम करें माँ।
हर घर तेरा धाम करें माँ।
आर्यभट्ट लें जन्म यहां फिर ।
भारत बदले कर्म यहां फिर।
कालीदास तुझे माँ ध्याया।
रघुवंशम रच सुन्दर गाया।
कहने को सब छात्र यहां पर।
बने न क्यों सदपात्र यहां पर।
इक या दो से क्या हो माता।
विद्यामय सब कर दो माता ।
ऐसी करुणा कर दो माता।
हर घर विद्या भर दो माता।
प्यासा