SP20/21 रसों के उदाहरण
sp20/21साहित्य के रसों के उद्धरण
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1
श्रृंगार रस
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प्राण प्रीत प्रेयसी प्रियतमा प्रणयी पुण्य प्रकाश तुम्हीँ हो
अश्रु अधूरी आस अधर के गीतोँ का विश्वास तुम्हीँ हो
विरह विषाद वेदना वन्दन बन कर छाई हों अंतस में
काव्य कला करुणा कलिका का कल्पित आकाश तुम्ही हो
हास्य रस
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तुम तो दमदार फुलझड़ी हो हम एक पटाखा फुस्स
तुम अपने घर में खुश रहो हम अपने घर में खुश
3
करुण रस
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यो तो हर दुख ही दारुण है यह दारुणतम कहलाता है
जब वृद्ध पिता के कंधे पर एक बेटे का शव जाता है
4
रौद्र रस
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कर्मो से हमारे कुपित प्रकृति जब रौद्र रूप दिखलाती है
इंसान का अक्सर ऐसे ही हालात पे जी घबराता है
5 वीर रस
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हुंकार जनित वाणी सुनकर भुजदंड मचलने लगते हैं
रिपुओं में भगदड़ मचती है दावानल जलने लगते हैं
आ गया समय कर अरि मर्दन है रणचंडी का अभिनंदन
शाश्वत कविता है ओज भरी भुजदंड मचलने लगते हैं
6
भयानक रस
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बादल फटा बह रही बस्तियां देखे तो
कोप दिखाती प्रकृति भयानक मंजर है
हैवानियत कर उसका वीडियो डाल रहे
आंखें नम हम देख रहे क्या मंजर है
7
वीभत्स रस
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मरघट में अघोरी जब मरे हुए जीव को निर्विकार हो खाता है
सिहरती है आत्मा मानव की वीभत्स रस जन्म हो जाता है
8
अद्भुत रस
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श्री राम ले रहे जल समाधि सरयू में उतर रही काया
मायापति खुद ही दिखा रहे सारे जग को अपनी माया
धीरे-धीरे चलते जाते आ गया गले तक था पानी
अद्भुत था दृश्य अलौकिक वह जन-जन का मानस अकुलाया
9
शांत रस
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हो चुकी प्रलय निर्जन था जग!छाईं खामोशी दिग दिगन्त
श्रद्धा और मनु अवतरित हुए चैतन्य प्रकृति जागी अनंत
चहु दिशि सागर का गर्जन था और मानव का मन मंथन था
और उनके पास सहज अपनी कुछ स्मृतियां का नर्तन था
10 वात्सल्य रस
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नारी की ममता बेमिसाल तस्वीर में देखा नौनिहाल
अपनी आंखों से काजल ले फोटो पर टीका लगा दिया
चुंबन आलिंगन ममता मय कर दिए समर्पित बच्चे को
आशीर्वचन उसको देकर फोटो सीने से लगा लिया
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11भक्ति रस
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मीरा बनकर जहर पीती है मानकर अमृत
सूर बनकर कभी वात्सल्य जगा देती है
बनती है भूषण ये अंगारों से खेला करती
तुलसी बन विश्व को यह राम कथा देती
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव