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14 May 2024 · 1 min read

हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।

मुक्तक

हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सच तो है ये धीरे धीरे जल रही है जिंदगी।
देखते ही देखते आंखों से ओझल होगी ये,
बर्फ़ की सिल्ली के जैसे गल रही है जिंदगी।

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
107 Views
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