Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2024 · 1 min read

जिस पर करते हैं टूट जाता है।

जिस पर करते हैं टूट जाता है।
अब किसी पर यकीं नहीं करते।
डॉ फौज़िया नसीम शाद

2 Likes · 28 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

पल प्रतीक्षा के
पल प्रतीक्षा के
शशि कांत श्रीवास्तव
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
" दर्द "
Dr. Kishan tandon kranti
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
surenderpal vaidya
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
शेखर सिंह
*वेद-कथा (मुक्तक)*
*वेद-कथा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
स्वास्थ्य ही जीवन का मूल आधार
स्वास्थ्य ही जीवन का मूल आधार
Neha
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आज़ाद परिंदे
आज़ाद परिंदे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वसंत के दोहे।
वसंत के दोहे।
Anil Mishra Prahari
जागी जवानी
जागी जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
।।
।।
*प्रणय*
बुनियाद के पत्थर
बुनियाद के पत्थर
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मन
मन
मनोज कर्ण
आज की नारी
आज की नारी
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
बहुत याद आता है
बहुत याद आता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
पूर्वार्थ
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
"चांद है पर्याय हमारा"
राकेश चौरसिया
मित्रता
मित्रता
डॉ. शिव लहरी
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
चलो बीज बोते हैं
चलो बीज बोते हैं
Girija Arora
पूस की रात
पूस की रात
नूरफातिमा खातून नूरी
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
इश्क़ कर लूं में किसी से वो वफादार कहा।
इश्क़ कर लूं में किसी से वो वफादार कहा।
Phool gufran
जरूरत के हिसाब से ही
जरूरत के हिसाब से ही
Dr Manju Saini
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
4423.*पूर्णिका*
4423.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां की याद
मां की याद
Neeraj Agarwal
Loading...