नाम
उस शाम
बिछड़ते समय
गाड़ी की खिड़कियों पर
जमी धुंध
के पीछे से
पनीली आँखें लिए
अपनी उंगलियों से
उसने मेरा नाम लिखा
शायद कभी न मिटने के लिए
Veena
उस शाम
बिछड़ते समय
गाड़ी की खिड़कियों पर
जमी धुंध
के पीछे से
पनीली आँखें लिए
अपनी उंगलियों से
उसने मेरा नाम लिखा
शायद कभी न मिटने के लिए
Veena