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13 Oct 2018 · 1 min read

प्रेम बयार

लप-डप ध्वनि ध्वनित उर मेरा,
कोई तोड़ नहीं है प्रिय तेरा।
हर स्पंदन कोमल गीत लगे,
तन जलता, मन दीप जले।।

डॉ. कमलेश कुमार पटेल “अटल”

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