यही समय है, सही समय है, जाओ जाकर वोट करो
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
उसने कहा जो कुछ तो पहले वो
23/135.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
*गरीबों की ही शादी सिर्फ, सामूहिक कराते हैं (हिंदी गजल)*
लाख पतन हो जाए फिर भी हार नहीं मानूंगा मैं !
दिल चेहरा आईना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मतलब हम औरों से मतलब, ज्यादा नहीं रखते हैं
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण यह भी है की यह पर पूरी
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,