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23 Dec 2024 · 1 min read

मौसम तो सर्दी का इश्क के शोले भड़क रहे है

मौसम तो सर्दी का इश्क के शोले भड़क रहे है

मौसम तो सर्दी का,इश्क के शोले भड़क रहे है,
उधर वो भी बेचैन है,इधर हम भी तड़फ रहे है।
इस बेचैनी व तड़फन का निदान करें हम कैसे ?
ये बादल और बदली हमारे रास्ते मे बरस रहे है।।

हे! बादल और बदली,जरा थमके बरसो,।
जब आ जाये मेरे बालम जरा जमके बरसो।
वे जा न सके इस ठण्डी सर्दी के मौसम मे,
और हम दुबके रहे दोनों इस रजाई कई वर्षो।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 113 Views
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