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28 Jan 2024 · 1 min read

औरतें

#औरतें
हिमगिरि की चोटियों पे धूप सी ठहरी औरतें।
क्षीर- सिन्धु के भँवर सी ख़ामोश गहरी औरतें ।

सुबह के झरने सी वो तो,खिलखिलाती हैं सदा।
बर्फ़ के टीलों की जैसे शीत लहरी औरतें।

रोज़ ही घर -बाज़ारों में, दफ़्तरों में, खट रहीं,
कर्त्तव्य के अधि- ताप में तपकर निखरी औरतें ।

नीलम शर्मा ✍️

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