जमीनी स्तर पर बदहाली बहुत है
जमीनी स्तर पर बदहाली बहुत है
तुम्हें लगता है ‘खुशहाली’ बहुत है
ये सब तेरे वादे फ़रेब है ‘किशोर’
असली में यें काम जाली बहुत है
-केशव
जमीनी स्तर पर बदहाली बहुत है
तुम्हें लगता है ‘खुशहाली’ बहुत है
ये सब तेरे वादे फ़रेब है ‘किशोर’
असली में यें काम जाली बहुत है
-केशव