Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2023 · 1 min read

आया पर्व पुनीत….

मुक्त हुए बंदी कारा से,
हुई हमारी जीत।
याद दिलाने आजादी की,
आया पर्व पुनीत।

बहकी-महकी सकल दिशाएँ,
सुरभित है परिवेश।
थिरक रहा है आज खुशी से,
अपना भारत देश।
कण-कण से सृष्टि के देखो,
फूट रहा संगीत।

गरज बरसकर मेघ गगन से,
करें यही संकेत।
शुद्ध भावना मन में जिसके,
मिले उसे अभिप्रेत।
आज हुए पानी-पानी जो,
हमें समझते क्रीत।

आनंदित सब भारतवासी,
जन-गण-मन उल्लास।
हुई कामना फलित हमारी,
आया दिन वह खास।
आज गा रहा बच्चा-बच्चा,
आजादी के गीत।

मर मिटे जो देश पे, उनके
याद करें अवदान।
व्यर्थ नहीं जाने देंगे हम,
उनका यह बलिदान।
वीर सपूतों पर भारत के,
उमड़ रही है प्रीत।

लापरवाही त्यागें सब जन,
रखें देश का ध्यान।
अपने प्राणों से बढ़कर हो,
मातृभूमि का मान।
गलत नहीं जब कर्म हमारे,
क्यों हों हम भयभीत।

ऐरा-गैरा आ अब कोई,
रच न सके उत्पात।
बंद रखें हम मुट्ठी अपनी,
लगा न पाए घात।
बनें सिरमौर फिर हम जग के,
दोहराएँ अतीत।।

याद दिलाने आजादी की,
आया पर्व पुनीत।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
मनके मेरे मन के से

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 2 Comments · 222 Views
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

अच्छा लिखने की तमन्ना है
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
Dushyant Kumar
क्या करूं मैं!            भुलके भी तुझे कभी नहीं भुला सका।
क्या करूं मैं! भुलके भी तुझे कभी नहीं भुला सका।
Iamalpu9492
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी, सुकून और दर्द
जिंदगी, सुकून और दर्द
पूर्वार्थ
मेरे वतन सूरज न निकला
मेरे वतन सूरज न निकला
Kavita Chouhan
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कुछ की भौहें तन गई, कुछ ने किया प्रणाम
कुछ की भौहें तन गई, कुछ ने किया प्रणाम
RAMESH SHARMA
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
- तेरी तिरछी नजर -
- तेरी तिरछी नजर -
bharat gehlot
आलस करोगे, अंगड़ाई मिलेगी....
आलस करोगे, अंगड़ाई मिलेगी....
Aditya Prakash
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
संवेदना मनुष्यता की जान है।
संवेदना मनुष्यता की जान है।
Krishna Manshi
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
Ravi Prakash
तुम्हारे पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
तुम्हारे पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
रण चंडी
रण चंडी
Dr.Priya Soni Khare
मूर्खों दुष्टों और दुश्मनों को तवज्जो देंगे तो अपना आत्मसम्म
मूर्खों दुष्टों और दुश्मनों को तवज्जो देंगे तो अपना आत्मसम्म
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
Gouri tiwari
तुम मुझसे ख़फ़ा हो गए हो
तुम मुझसे ख़फ़ा हो गए हो
शिव प्रताप लोधी
अब शिक्षा का हो रहा,
अब शिक्षा का हो रहा,
sushil sarna
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
Dr fauzia Naseem shad
"आज का आदमी"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल में जो है वो बताया तो करो,
दिल में जो है वो बताया तो करो,
Jyoti Roshni
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
सत्य की खोज में
सत्य की खोज में
Shweta Soni
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
About your heart
About your heart
Bidyadhar Mantry
📚पुस्तक📚
📚पुस्तक📚
Dr. Vaishali Verma
मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...