Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2024 · 1 min read

4659.*पूर्णिका*

4659.*पूर्णिका*
🌷 भाव तुम खाते रहो 🌷
212 2212
भाव तुम खाते रहो।
ताव तुम भाते रहो।।
जो दिखे रास्ता शहर।
गांव तुम आते रहो।।
कूक क्या कौआ कहाँ ।
कांव तुम गाते रहो ।।
लो सवा चाहत अपनी।
पाव तुम पाते रहो।।
धूप में मस्त है खेदू।
छांव तुम छाते रहो।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
15-10-2024 मंगलवार

43 Views

You may also like these posts

जीवन का सफर नदी का सफर है
जीवन का सफर नदी का सफर है
Harinarayan Tanha
■ निकला नतीजा। फिर न कोई चाचा, न कोई भतीजा।
■ निकला नतीजा। फिर न कोई चाचा, न कोई भतीजा।
*प्रणय*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
टन टन बजेगी घंटी
टन टन बजेगी घंटी
SHAMA PARVEEN
ये तनहाई
ये तनहाई
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार मोहब्बत चाहत
प्यार मोहब्बत चाहत
Neeraj Agarwal
सत्य वह है जो रचित है
सत्य वह है जो रचित है
रुचि शर्मा
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
Dr Archana Gupta
*मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है*
*मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है*
sudhir kumar
संवेदना की आस
संवेदना की आस
Ritu Asooja
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
Shweta Soni
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जीवन के लक्ष्य,
जीवन के लक्ष्य,
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
फीका त्योहार !
फीका त्योहार !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पितृपक्ष में फिर
पितृपक्ष में फिर
Sudhir srivastava
ख़ामोश  दो किनारे   .....
ख़ामोश दो किनारे .....
sushil sarna
संवेदना
संवेदना
Shalini Mishra Tiwari
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
Vaishaligoel
महाकाल
महाकाल
Dr.Pratibha Prakash
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
Bidyadhar Mantry
रूबरू  रहते हो ,  हरजाई नज़र आते हो तुम ,
रूबरू रहते हो , हरजाई नज़र आते हो तुम ,
Neelofar Khan
"रूहों के सफर में"
Dr. Kishan tandon kranti
चंद्रमा तक की यात्रा
चंद्रमा तक की यात्रा
Savitri Dhayal
आवाज़
आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
निशाचार
निशाचार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
- अपना होना भी एक भ्रम है -
- अपना होना भी एक भ्रम है -
bharat gehlot
13.प्रयास
13.प्रयास
Lalni Bhardwaj
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...