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2 May 2024 · 1 min read

बची रहे संवेदना…

सुख-दुख सबके एक हों, रहे न जरा दुराव।
बची रहे संवेदना, बना रहे सद्भाव।।

हित औरों का सोचना, अपनी इच्छा मार।
बने यही संवेदना, जीवन का आधार।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

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