Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
दुःख तो हमेशा आता जाता रहेगा
सुख का पता दुःख में नहीं चलेगा
खोजे बिना खुशियां मिलेंगी नहीं
वक्त जैसा भी हो हमेशा बदलेगा
_ सोनम पुनीत दुबे

3 Likes · 124 Views
Books from Sonam Puneet Dubey
View all

You may also like these posts

एक नज़्म _ सीने का दर्द मौत के सांचे में ढल गया ,
एक नज़्म _ सीने का दर्द मौत के सांचे में ढल गया ,
Neelofar Khan
*सूरत के अपेक्षा सीरत का महत्व*
*सूरत के अपेक्षा सीरत का महत्व*
Vaishaligoel
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
"एक नज़र"
Dr. Kishan tandon kranti
*जाते साधक ध्यान में (कुंडलिया)*
*जाते साधक ध्यान में (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गांधी वादी सोनम वांगचुक, और आज के परिवेश!
गांधी वादी सोनम वांगचुक, और आज के परिवेश!
Jaikrishan Uniyal
दुनिया रैन बसेरा है
दुनिया रैन बसेरा है
अरशद रसूल बदायूंनी
3112.*पूर्णिका*
3112.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Sonam Puneet Dubey
Sonam Puneet Dubey
Sonam Puneet Dubey
प्रवचन में हजारों बैठते हैं पर प्रवचन बहुत कम
प्रवचन में हजारों बैठते हैं पर प्रवचन बहुत कम
Ritesh Deo
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
"देह एक शीशी सदृश और आत्मा इत्र।
*प्रणय*
उम्मीदें रखना छोड़ दें
उम्मीदें रखना छोड़ दें
Meera Thakur
ग़म से भरी इस दुनियां में, तू ही अकेला ग़म में नहीं,
ग़म से भरी इस दुनियां में, तू ही अकेला ग़म में नहीं,
Dr.S.P. Gautam
मुस्तक़िल जीना यहाँ किसको मयस्सर है भला
मुस्तक़िल जीना यहाँ किसको मयस्सर है भला
Monika Arora
ग्यारह होना
ग्यारह होना
Pankaj Bindas
मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर
मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
घनाक्षरी
घनाक्षरी
seema sharma
काम क्रोध मद लोभ के,
काम क्रोध मद लोभ के,
sushil sarna
मैंने दुनिया की एक ही खूबसूरती देखी है,
मैंने दुनिया की एक ही खूबसूरती देखी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीयो
जीयो
Sanjay ' शून्य'
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
Atul "Krishn"
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
प्रेम-सुधा की प्यास लिए यह
प्रेम-सुधा की प्यास लिए यह
Dr. Sunita Singh
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
Neelam Sharma
बगावत
बगावत
ओनिका सेतिया 'अनु '
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
ज्ञान-दीपक
ज्ञान-दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...