मनोज कर्ण Tag: Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 26 Apr 2025 · 1 min read प्रारब्ध नहीं मिट पाता है.. प्रारब्ध नहीं मिट पाता है.. संचित कर्मों के फल से ही जीवन का सुख दुःख आता है , कर लो यदि लाख चतुराई तुम ये प्रारब्ध नहीं मिट पाता है..... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Hindi_poetry_हिंदी_कविता · कविता 2 48 Share मनोज कर्ण 12 Mar 2025 · 1 min read अनीति का प्रचार *अनीति का प्रचार* ~~°~~°~~° अनीति का प्रचार व्यापार बने फिर प्रलयकाल का यह आमंत्रण होगा, ब्रह्मांड के अविरल कालखंड पर यह विध्वंस का मौन अभ्यर्थन होगा.. साड़ी में लिपटी सनातन... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · अनीति का प्रचार · कविता 2 261 Share मनोज कर्ण 9 Mar 2025 · 1 min read रस भाव आस्वादन रस भाव आस्वादन ~~°~~°~~° रस भाव आस्वादन करते, गायक कवि महान प्रेम घृणा द्विभाव मूल में,अन्य है संतति समान श्रृंगार, भक्ति वात्सल्य रस,प्रेम से उपजा जान प्रेम घृणा ही रस... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · मुक्तक काव्य · रस भाव आस्वादन 3 257 Share मनोज कर्ण 6 Mar 2025 · 1 min read वसंत संदेश वसंत संदेश ~~°~~°~~° माया का विस्तार अनंग अनुषंगी वसंत है, कामदेव सेनापति है इसके वासना दुष्यंत है.. मंद मंद मुस्कान लिए वनतोषिणी के लावण्य रुप, शकुन्तला के मधुर अधर पलाश... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · वसंत गीत · वसंत संदेश 3 2 1k Share मनोज कर्ण 2 Mar 2025 · 2 min read स्वामी श्रद्धानंद स्वामी श्रद्धानंद ~~°~~°~~° राॅलेट एक्ट का काला कानून सत्याग्रह की पुनः शुरुआत हुई थी , स्वामी श्रद्धानंद शामिल हुए इसमें जन आंदोलन अवदात हुई थी.. जोश जुनून भीड़ उमड़ी थी... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · स्वामी श्रद्धानंद 3 253 Share मनोज कर्ण 27 Feb 2025 · 2 min read सती सावित्री *सती सावित्री* (भारतीय नारी विभुतियां) कहां ले जा रहे हो यमराज तुम मेरे पतिदेव का हर कर के प्राण, जीते जी मैं मर ही तो जाऊँगी पतिदेव के बिना,मैं भी... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · भारत की नारी विभुतियां · सती सावित्री 3 2 786 Share मनोज कर्ण 25 Feb 2025 · 2 min read माता अनुसूया माता अनुसूया के सतीत्व से सकल ब्रह्मांड दीप्तिमान है दिव्य तेज चहुंओर फैला सभी जीव करते गुणगान है सतीत्व का दमक देखकर व्याकुल हुई त्रिदेव पत्नियाँ कहती है फिर पतिदेव... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · माता अनुसूया 3 537 Share मनोज कर्ण 22 Feb 2025 · 1 min read महाकुंभ का प्रतिवाद क्यों..? *महाकुंभ का प्रतिवाद क्यों..?* हिन्दुत्व में जिसे आस्था नहीं है, महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहते। स्वछंदता अभिव्यक्ति का मिला है, अपमानित वो हिन्दू को करते.. पुरातन पौराणिक ये परम्परा है, प्रतिवाद... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · महाकुंभ 2025 · महाकुंभ का प्रतिवाद क्यों · महाकुंभ प्रयागराज 3 327 Share मनोज कर्ण 20 Feb 2025 · 1 min read त्रेता के श्रीराम कहां तुम... *त्रेता के श्रीराम कहां तुम...* त्रेता के श्रीराम कहां तुम फिर से तो धरा पर आ जाओ कलियुग कल्प हुआ अति दुष्कर तुम देर ना अब लगा जाओ... त्रेता के... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · कविता_गीत · भजन · रामभक्ति 2 97 Share मनोज कर्ण 9 Feb 2025 · 1 min read चलो चलते हैं धरा पर... चलो चलते हैं धरा पर... अथश्री..... श्री गणेशाय नमः... चलो चलते हैं धरा पर, वहाँ मनुज ने हमें बुलाया है, मिलन है दो दिलों का जो,मंडप भी भव्य सजाया है।... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · चलो चलते हैं धरा पर · जय-श्री-गणेश 3 209 Share मनोज कर्ण 3 Feb 2025 · 2 min read ये भारत न रहा.. ये भारत न रहा.. वीणापुस्तकधारिणी श्वेतपद्मासना माता , निसर्ग नीर गालों पर नयनों से टपकता। कहती है पुत्र,ये तत्परता ये सजावट कैसी, जब श्रद्धाभाव नहीं हो, तेरे मन में बसता।... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · ये भारत न रहा · संस्कृति का अवमूल्यन 4 213 Share मनोज कर्ण 25 Jan 2025 · 2 min read हे गृहस्थ..! हे गृहस्थ ! (छंदमुक्त काव्य) ::::::::::::::::::: हे गृहस्थ ! मन मलीन क्यों है तेरा, नस खींचना नहीं है तुझे नागा साधुओं की तरह , और न ही जीते जी पिंडदान... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · छंदमुक्त काव्य · हे गृहस्थ 4 417 Share मनोज कर्ण 24 Jan 2025 · 2 min read सुनो तो तुम... *सुनो तो तुम* कोई शून्य से पुकार रहा, कोई तुम्हें बुला रहा जेठ की तपती दुपहरी में, आग्नेय दग्ध पथ पर _ बटवृक्ष की छांव तले बैठे पथिक , जरा... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · छंदमुक्त काव्य 2 166 Share मनोज कर्ण 21 Jan 2025 · 2 min read संस्कृति लोप की जांच पड़ताल संस्कृति का लोप, हुआ अतीत में, निज स्वाधीनता, अब निष्प्राण हुई कैसा फर्ज था, निभाया नृप ने, युवा बल पौरुष भी मसाण हुई.. कार्य उनके संस्कार रहित थे, सब जन... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · काव्य रचना · संस्कृति लोप की जांच पड़ताल 4 1k Share मनोज कर्ण 17 Jan 2025 · 1 min read त्रिविध ताप त्रिविध ताप देखि,मनु मगु हारे मिलत मधुबन नहिं,मन कारे कारे.. माया मोहित मन,संतप्त क्यों, उबरे हैं जब सबहिं राम से, आजा तू भी राम दुआरे... त्रयताप कृत, तप्तजीवन मन हारे... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · काव्य · त्रिविध ताप 4 186 Share मनोज कर्ण 6 Jan 2025 · 1 min read सोचो मन के उस हद तक सोचो मन के उस हद तक सोचो मन के, उस हद तक जिसके पार, कुछ भी न हो.. तृष्णा-वितृष्णा का भेद मिटे और जीवनकथा, व्यथा ना हो.. तर्क-वितर्क से रहित,हो... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता_गीत · काव्य · सोचो मन के उस हद तक 3 2 458 Share मनोज कर्ण 4 Jan 2025 · 1 min read मुसम्मम इरादा कीजिए अरमानों को यूँ सीने में द़फनाकर ग़र्दिश-ए-हालात पे,न रोया कीजिए बस मंजिल पर निगाहें टिकाकर कुछ मुसम्मम इरादा कीजिए चश्में को आंखों पर उल्टा रखकर निशाँ हथेली न निहारा कीजिए... Hindi · Gazal ग़ज़ल · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · काव्य रचना · नज़म 3 163 Share मनोज कर्ण 30 Nov 2024 · 1 min read तारा टूटा तारा टूटा ******* ख़्वाब लिए एक तारा टूटा, जाकर दिल पर जा अटका.. आसमान से टूटा था वो, जाकर धरा पर आ खिसका.. जिसने उसको टूटते देखा, उसके दिल पर... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 3 2 300 Share मनोज कर्ण 29 Nov 2024 · 1 min read पवन संदेश पवन संदेश सहलाये पवन, इठलाये पवन पर मन को क्यूँ नहीं भाये पवन.. कोमलता का एहसास लिए मन को क्यों चुभ जाए पवन.. भरी दोपहरी छांव तले बैठा है पथिक... Hindi · *प्राकृतिक संगीत* · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · पवन संदेश 3 329 Share मनोज कर्ण 22 Nov 2024 · 1 min read मनोव्यथा *मनोव्यथा* कैसा ये स्पर्श,तन को नहीं छुआ तूने, पर दिल को तो झकझोर दिया _ है सारी दुनियां अब एक तरफ, पर मैंने अपना मुंह तो मोड़ लिया _ तरंगे... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · मनोव्यथा 3 2 234 Share मनोज कर्ण 14 Nov 2024 · 1 min read कर्मफल का सिद्धांत हुनर सड़कों पर जहाँ तमाशा किया करते हैं किस्मत महलों में क्यूँ राज किया करते हैं... कर्मों के हिसाब से सजता है प्रारब्ध सबका जिसकी अनदेखी हम आज किया करते... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कर्मफल का सिद्धांत · कविता 2 318 Share मनोज कर्ण 12 Oct 2024 · 1 min read प्रेम गीत :- वक़्त का कारवां... वक़्त का कारवां... वक़्त का कारवां, जैसे थम सा गया... तुम मिले हो यहाँ.. जब मिले हो यहाँ.. रातें कटती नहीं थी,आहें भरता था मैं... आहट सुन-सुन के,करवट बदलता था... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता गीत शायरी गजल · प्रेम गीत · वक़्त का कारवां 2 392 Share मनोज कर्ण 5 Oct 2024 · 1 min read मन मन मन उद्विग्न रहता है... अधोपतन को, आत्मा की वृत्ति के विपरीत, मन, आत्मा की पुकार को सुनता कहाँ है... अनकहे जज्बातों को सुनने की, उसकी आदत नहीं... पतझड़ के... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · छन्दमुक्त काव्य 2 165 Share मनोज कर्ण 7 Jul 2024 · 1 min read रमन्ते सर्वत्र इति रामः रमन्ते सर्वत्र इति रामः देख, देख, तू देख ले बंदे, फिर से अरि ललकारा है, कहता राम जब आये मंदिर, अयोध्या फिर,तू क्यूँ हारा है। सहिष्णुता की भी सीमा होती,... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 4 2 374 Share