Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2025 · 1 min read

मुसम्मम इरादा कीजिए

अरमानों को यूँ सीने में द़फनाकर
ग़र्दिश-ए-हालात पे,न रोया कीजिए

बस मंजिल पर निगाहें टिकाकर
कुछ मुसम्मम इरादा कीजिए

चश्में को आंखों पर उल्टा रखकर
निशाँ हथेली न निहारा कीजिए

रंज-ओ-ग़म को दिल में सजाकर
हाल अपना न छिपाया कीजिए

तमन्नाओं की कसक दिल में रखकर
यूँ निस्बत न जताया कीजिए

कुछ हसीन यादों का सहारा लेकर
बेवजह मुस्कराया कीजिए

नज़्म की खूंटी पर बस टांगे रखकर
यूँ ही न गुनगुनाया कीजिए

अपनी जमीं को हरगिज कभी भी
अपने दिल से न भुलाया कीजिए

मौलिक और स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०४/०१/२०२५
पौष, शुक्ल पक्ष,पंचमी ,शनिवार
विक्रम संवत २०८१
मोबाइल न. – 8757227201
ईमेल पता :- mk65ktr@gmail.com

3 Likes · 161 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

दर्द सीने में गर ठहर जाता,
दर्द सीने में गर ठहर जाता,
Dr fauzia Naseem shad
- दिल ये नादान है -
- दिल ये नादान है -
bharat gehlot
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
Dr.Deepak Kumar
अर्थार्जन का सुखद संयोग
अर्थार्जन का सुखद संयोग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मधुमास में बृंदावन
मधुमास में बृंदावन
Anamika Tiwari 'annpurna '
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
Suryakant Dwivedi
लाज़िम है
लाज़िम है
Priya Maithil
"खुद में खुद को"
Dr. Kishan tandon kranti
जय माँ शारदे
जय माँ शारदे
Arvind trivedi
🙅अचरज काहे का...?
🙅अचरज काहे का...?
*प्रणय प्रभात*
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
3518.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3518.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोस्ती एक पवित्र बंधन
दोस्ती एक पवित्र बंधन
AMRESH KUMAR VERMA
Gujarati Poetry | The best of Gujarati kavita & poet | RekhtaGujarati
Gujarati Poetry | The best of Gujarati kavita & poet | RekhtaGujarati
Gujarati literature
"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
क़ैद-ए-जाँ से वो दिल अज़ीज़ इस क़दर निकला,
क़ैद-ए-जाँ से वो दिल अज़ीज़ इस क़दर निकला,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contact) बनाते हैं रिश्ते नही
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contact) बनाते हैं रिश्ते नही
Lokesh Sharma
प्यार या तकरार
प्यार या तकरार
ललकार भारद्वाज
छठ पूजन
छठ पूजन
surenderpal vaidya
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
रवींद्र नाथ टैगोर
रवींद्र नाथ टैगोर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
10. Fatherly Throes
10. Fatherly Throes
Ahtesham Ahmad
"घड़ी"
राकेश चौरसिया
*नारी के सोलह श्रृंगार*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
अधरों के बैराग को,
अधरों के बैराग को,
sushil sarna
बचपन मेरा..!
बचपन मेरा..!
भवेश
हरियाली की तलाश
हरियाली की तलाश
Santosh kumar Miri
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी
सत्य कुमार प्रेमी
क्या सबकुछ मिल जाएगा जब खुश हो जाओगे क्या ?
क्या सबकुछ मिल जाएगा जब खुश हो जाओगे क्या ?
पूर्वार्थ देव
Loading...