Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

लाज़िम है

लाज़िम है ये भी
की लब चल रहे हो बरबस
पर बात कही भी न पहुंच पाती हो..
कान सुन नही रहे हो,
पर अभिनय करता चौखटा हो..
पटा हो मन द्वेष से,
पर दवाब चेहरे पर मुस्कुराने का हो..
दारोमदार सब पर भरम फैलाने का हो..
अनबोले खत और चिट्ठियां
जो अकसर गलत पता लिख कर भेज
दी जाती हैं,
तस्दीक करती हैं इस बात की बिना बोले भी
बाते पहुचाई जा सकती है सही जगह,
पर बोले हुए शब्द अक्सर
भटक जाते है संदर्भों से..
और हमेशा के लिए
दर्ज हो जाते है गलत पतों पर…!

©Priya

Language: Hindi
2 Likes · 87 Views
Books from Priya Maithil
View all

You may also like these posts

शीर्षक -मातृभाषा हिंदी
शीर्षक -मातृभाषा हिंदी
Sushma Singh
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
लहर
लहर
Juhi Grover
जीने का हक़!
जीने का हक़!
कविता झा ‘गीत’
Acrostic Poem
Acrostic Poem
jayanth kaweeshwar
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
VINOD CHAUHAN
मेरा लोकतंत्र महान -समसामयिक लेख
मेरा लोकतंत्र महान -समसामयिक लेख
Dr Mukesh 'Aseemit'
"हम सभी यहाँ दबाव में जी रहे हैं ll
पूर्वार्थ
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
Ankita Patel
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
DrLakshman Jha Parimal
"Death"
राकेश चौरसिया
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
Dhirendra Singh
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
Rituraj shivem verma
■ आज का चिंतन
■ आज का चिंतन
*प्रणय*
The Natural Thoughts
The Natural Thoughts
Buddha Prakash
..........अकेला ही.......
..........अकेला ही.......
Naushaba Suriya
The Sky...
The Sky...
Divakriti
ग़ज़ल _ असुरों के आतंक थे ज़्यादा, कृष्णा ने अवतार लिया ,
ग़ज़ल _ असुरों के आतंक थे ज़्यादा, कृष्णा ने अवतार लिया ,
Neelofar Khan
क्युँ हरबार ये होता है ,
क्युँ हरबार ये होता है ,
Manisha Wandhare
संवेदना(सहानुभूति)
संवेदना(सहानुभूति)
Dr. Vaishali Verma
तुम वह सितारा थे!
तुम वह सितारा थे!
Harminder Kaur
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
manjula chauhan
*खड़ा द्वार पर प्यार*
*खड़ा द्वार पर प्यार*
Rambali Mishra
नौकरी (१)
नौकरी (१)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Ignorance is the shield
Ignorance is the shield
Chitra Bisht
तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ
Saraswati Bajpai
सरफिरे ख़्वाब
सरफिरे ख़्वाब
Shally Vij
जीवन की परिभाषा क्या ?
जीवन की परिभाषा क्या ?
Dr fauzia Naseem shad
Loading...