Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2024 · 1 min read

“आए हैं ऋतुराज”

वासन्ती चूनर पहन,
रखे धरा क्यों राज़ l
“आशा” बाँधे, मिलन की,
सज-धज, करती नाज़।l

टेसू सँग गुलबाँस भी,
दिखता है जाँबाज़ l
चित्रकार को ज्यों मिली,
मनचाही परवाज़।l

मन को मोहें तितलियाँ,
किस पर गिरनी गाज l
भ्रमर-वृन्द, गुँजार पर,
करतीं, कलियाँ लाज।l

व्योम सँदेसा दे रहा,
भले न कुछ आवाज़ l
इन्द्रधनुष भी कर रहा,
सतरंगी आग़ाज़।।

कोई कितना भी बने,
ख़ुद मेँ तीरन्दाज़ l
किंतु कहाँ, कब, है दिखा,
प्रभु सा कारन्दाज़।l

मोर, नृत्य से विरत क्यों,
क्या तबियत नासाज़ l
अहा, मयूरी दिख गई,
दिन वसूल, मय-ब्याज।।

नींबू से है ,आम की,
बहस ठन गई आज l
सदियों से है, प्रेम क्यूँ,
भावों का सरताज।l

विरहन उर, भी क्यों छिड़ा,
मधुर मिलन का साज़ l
पुष्प लदे, हैं मन खिले,
” आए हैं ऋतुराज “..!

परवाज़ # उड़ान, flight
नासाज़ # अस्वस्थ, unhealthy
आग़ाज़ # शुरुआत, beginning
##————##————##————

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all

You may also like these posts

उसकी कहानी
उसकी कहानी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)
नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)
Ravi Prakash
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Kumar Agarwal
सूक्तियाँ
सूक्तियाँ
Shyam Sundar Subramanian
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
Suneel Pushkarna
4822.*पूर्णिका*
4822.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी का भी मोल होता है ,
ज़िन्दगी का भी मोल होता है ,
Dr fauzia Naseem shad
I can’t promise to fix all of your problems, but I can promi
I can’t promise to fix all of your problems, but I can promi
पूर्वार्थ
प्रेम का वक़ात
प्रेम का वक़ात
भरत कुमार सोलंकी
बाल कविता: मोर
बाल कविता: मोर
Rajesh Kumar Arjun
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
Shreedhar
मोबाइल ने सबको है धंधे पे रखा,
मोबाइल ने सबको है धंधे पे रखा,
Pooja srijan
टूट कर
टूट कर
हिमांशु Kulshrestha
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
हरियाली तीज
हरियाली तीज
C S Santoshi
रात में दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण चकाचौंध है रेटीना पर पड़न
रात में दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण चकाचौंध है रेटीना पर पड़न
Rj Anand Prajapati
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
आज हमारे भी सपनों ने
आज हमारे भी सपनों ने
Shinde Poonam
मन की कामना
मन की कामना
Basant Bhagawan Roy
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पर्णकुटी केर दीपोत्सव
पर्णकुटी केर दीपोत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
नीरस जीवन
नीरस जीवन
Rambali Mishra
💐गाँव तब और अब💐
💐गाँव तब और अब💐
n singh
इस ज़िंदगी  में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
बिरहा
बिरहा
Shally Vij
* रंग गुलाल अबीर *
* रंग गुलाल अबीर *
surenderpal vaidya
मेरा देश बड़ा अलबेला
मेरा देश बड़ा अलबेला
विक्रम सिंह
Let's Fight
Let's Fight
Otteri Selvakumar
Loading...