Arun Prasad Language: Hindi 537 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read मैं स्त्री हूँ ----------------------------------------------------- मैं स्त्री हूँ। मुझे पाकीज़गी से देखिये। शयनकक्ष में पराजित औरत की तरह नहीं। मुझे पवित्रता के साथ कीजिये नमन। मैं हूँ लक्ष्मी,सरस्वती,दुर्गा की प्रतिनिधि नार। हर युग में... Hindi · कविता 2 1 253 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read अतीत पिघल गया ________________________________________ हर मृत्यु पर अतीत पिघल जाता है. पूरा अस्पृश्य रूप में बदल जाता है. जंगलों की भांति बेतरतीब ढ़ल जाता है. आदि और अंत स्वयं में गल जाता है.... Hindi · कविता 258 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 2 min read यह लाश अचिन्ह है? _______________________________________ अलग हैं ब्रह्मांड रचे जाने के नियम. विनतियाँ नहीं चलते वहाँ चलते हैं सिर्फ गणित के समीकरण. इस ब्रह्मांड में, वह यदि अलाव के पास बैठा तो मरेगा भूख... Hindi · कविता 207 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read मन प्रफुल्लित गात पुलकित है तुम्हारा -------------------------------------- मन प्रफुल्लित गात पुलकित है तुम्हारा. चाँद ने क्या कह दिया कुछ. प्रीत को सहला गया कुछ. आंख ने देखे हैं सपने. हृदय ने अरमान खोले. बाजुओं ने कौन... Hindi · कविता 212 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read कौन है खूबसूरत ---------------- कौन है? खूबसूरत! दिन या रात. मेरा वजूद या तुम्हारा प्रेत. प्रातः स्मरणीया प्रकृति या रात्रि के भय की प्रवृति. पर्वत शिखर से सागर के तट से दिन पद्मासन... Hindi · कविता 221 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read युद्ध जीवित है --------------- युद्ध की तिक्तता के बाबजूद युद्ध जीवित है. सभ्यताओं के नष्ट हो जाने के युद्ध हमने लड़े हैं. सभ्यताओं के संस्कार नष्ट हो गये युद्ध फिर भी जीवित है.... Hindi · कविता 202 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read सिकंदर भी मरता है। ------------------------ सिकंदर भी मरता है। मरेंगे सिकंदर जैसे लोग भी। मृत्यु सर्वदा सबके लिए जीवित है लोग करें उसके होने का चाहे जितना शोक ही। प्रपंचित है इतिहास। अचंभित; रोये... Hindi · कविता 207 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read थका हुआ सुबह ----------------------- सुबह थका सा उगा। क्या तुम्हारा भी! नींद लेती रही करवटें मेरे बगल में पड़ी-पड़ी। अन्न को सोचती रही। पानी ने बड़ा उधम मचाया। पेट में रात भर। फलदार... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 5 min read सूत्र कुरु कुल रण का --------------------------- जब द्यूत की अवधि हुई पूर्ण। पाण्डव लौटे कुछ और निपुण। भेंटे सबको कौन्तेय तथा। बोले वन के दुःख दर्द व्यथा। अति विनम्र भाव से अभिवादन। सहास्य अधर पर... Hindi · कविता 426 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read हाइकु--गीत ने गाया गीत ने गाया। हवा,पानी,मौसम। स्वर रूआँसा । अंधेरी रात। अपना ही भरोसा। सबसे अच्छा। जल बेचारा। चला तो था निर्मल। गंगा सजल। मित्र पवित्र। नयापन दे जाता। पुरानी यादें। साथ... Hindi · हाइकु 273 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read हाइकू-- हमारा दर्द ------------------ हमारा दर्द। तुम्हें दे जाता खुशी। हँसी का पात्र। अशिक्षित था। कुरुक्षेत्र सिखाया । ज्ञानी बन गया। ब्रह्म संतान। सुरक्षित जी सकें। शस्त्र या स्नेह? गिद्ध सम्राट । खोजता... Hindi · हाइकु 200 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 2 min read मरना सूर्य का ---------------------------------------------- मरना सूर्य का तय है। सम्पूर्ण जो दिखता है,होना क्षय है। सत्य केवल समय है। विस्तार का सिकुड़ना और विंदु का फैलना ही शाश्वत ब्रह्म है। ब्रह्म है आत्मलीन।... Hindi · कविता 1 1 190 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read नज्म ------------------------------------------------------- अक्षर आग हो जाए कलम तलवार हो जाए। उठेगा शायरी से दोहरे अर्थों का जब पर्दा। गुजर जाते हैं घर के सामने से खोलकर पर्दा। लगा देखा किया हमने... Hindi · गीत 1 306 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 2 min read अन्तिम चक्र ______________________________ कोशिकाओं,शिराओं और नसों से निचुड़ता प्राण का अंश । सम्पूर्ण का होना नि:शब्द वक्र और शनै: शनै: चेतना व श्वास का होना भ्रंश । सचेत रहने की जद्दोजह्द करता... Hindi · कविता 212 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read आदमी का शहर रहने दो इसे ------------------------------------------------- आदमी का शहर रहने दो इसे न बनाओ मंदिरों का शहर। दु:ख,दर्द,व्यथा बेबाक कहने दो यहाँ न बनाओ प्रार्थनाओं का नगर। अट्टालिकाओं से सजे पथों पर फुटपाथ भी रहने... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read आम आदमी ---------------------- आम आदमी महाभारत की द्रौपदी है आज का आम आदमी। किया जाता है इसलिए इन्हें बार–बार न जानें कहाँ–कहाँ से तार–तार नग्न। दौपदी होने की यही तो नियति है।... Hindi · कविता 198 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read इस शहर को लूटने वाले इस शहर के लोग हैं --------------------------------------------------- इस शहर को लूटने वाले इस शहर के लोग हैं। लौह के मोटे कवच को काँच करदे ये लोग हैं। लूटना फितरत है इनकी,लूट से बचने जतन, कह के... Hindi · कविता 152 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read उड़ें चलो -------------------------------- चलो उड़ें नभ में। नभ के गौरव में। उस गौरव का रसपान करें। सूर्य,चंद्र,तारों को छूकर अपना आ सम्मान करें। व्योम ब्याह कर ले आएंगे। स्याह अन्तरिक्ष का धो... Hindi · कविता 255 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read ईश्वर बनने की त्रुटि का प्रतिफल-‘कोरोना’? --------------------------------------------------- प्रकृति प्रसूता है,सब कुछ जनती है। अमृत, और व्याधि भी,जब तनती है। मानवी नहीं है जो बलात्कार सहेगी। वह,युग की त्रुटियों को अभिशप्त करेगी। भीम और अर्जुन की ऊर्जा... Hindi · कविता 1 201 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read गजल_-गुस्से का ------------------------------------------------- क्यों हो नहीं सकता, यहाँ गुस्से का गजल। जीते हैं लोग हर दिन यहाँ गुस्से का गजल। प्यार सिर्फ कथाओं में है जीता हुआ मिला। व्यवहार में सुनते-सुनाते वे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 358 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read उड़ें चलो -------------------------------- चलो उड़ें नभ में। नभ के गौरव में। उस गौरव का रसपान करें। सूर्य,चंद्र,तारों को छूकर अपना आ सम्मान करें। व्योम ब्याह कर ले आएंगे। स्याह अन्तरिक्ष का धो... Hindi · कविता 362 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read देवी वन्दना ------------------------------------------------------------------- हे देवी, पृथ्वी के हर कण में तुम मातृ-रूप में हो स्थित। हम पुत्र-रूप में तुम्हें नमन कर, होते धन्य सदा ही रहें।। हे देवी, तेरा पूजन-अर्जन, साध्य हमारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 511 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read मेरा हर द्वार भर गया ----------------------------- तुम आ गए! मुझे मेरी स्वीकृति मिल गयी। मेरा हर द्वार भर गया। अब मैं माँगूंगी नहीं, दूँगी। मांगो मेरे प्रियतम! मन दूँ या तन! शांत है, नीरव नहीं,... Hindi · कविता 148 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 2 min read लो, देती हूँ मैं पायल का सारा धातु --------------------------------------------- लो, देती हूँ मैं पायल का सारा धातु पिघलाओ और गढ़ो प्रक्षेपास्त्र। लो देती हूँ मैं सारा स्वर्ण पिघलाओ और गढ़ो अपना कवच। मैं ये सारे घने केश उतार... Hindi · कविता 208 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read वह छोटी बच्ची ------------------------------- वह रो रही थी। अभ्यस्त रुदन। वह हँस रही थी। स्वच्छ हंसी। दु:ख कोई नहीं था। अनुभूति भी नहीं। सुख था और रोने का हौसला। रोना जीत की खुशी... Hindi · कविता 217 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 2 min read विरोध का दंगात्मक चरित्र ---------------------------------------------------------------------------------- राजनैतिक विरोध का चरित्र दंगात्मक हो तो, प्रजातांत्रिक अनुशासन का है स्खलन। नेताओं का ही नहीं आदमी का भी है निम्न दर्जे का मानसिक पतन। विरोध का राजनैतिक स्वरूप... Hindi · कविता 168 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read शब्द बिकते नहीं -------------------------------------- शब्द बिकते नहीं इसलिए दुखित हो क्या! शब्द झुकते नहीं इसलिए व्यथित हो या? डरते नहीं तुम्हारे शब्द हैं सो डरे हो क्या? झरने सा झरते तुम्हारे शब्द, करे... Hindi · कविता 170 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read शिव तेरा अभिनंदन ------------------------------------------------------- तेरी गूँथी जटाओं का अभिनंदन। जिसमें हिमनद है खोई, बहती गंगा की धारा जिसमें, उन्हीं जटाओं का करता अभिवादन। हे शिव तेरा अभिनंदन। लिपटी हुई भुजंगों जैसी सिमटी हुई... Hindi · कविता 1 1 477 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read सौंदर्यात्मक स्तुति प्रेयसी की ---------------------------------- खिले प्रभात सा रंग तुम्हारा तन जैसे हो भीगा सावन। तरुणाई की अरुणिम आभा शीतल-शीतल,पावन-पावन। संगमरमर ही ज्यों तराशकर अंग तुम्हारा गढ़ गया सुन्दर। लालिमा की आभा जैसे करती... Hindi · कविता 141 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हम और तुम ----------अरुण कुमार प्रसाद ------------------------------------------------------- मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर... Hindi · कविता 189 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हाइकु- अधिकारों को ----------------------- अधिकारों को, सर्वजन को बाँटें। कुछ को न छाँटें। सदियों तक। शासनधिकार क्यों? नाम कुल के। क्यों नहीं सत्ता! प्रजा सत्तात्मक हो। बोलें खुल के। आ करें दुआ। कलम... Hindi · हाइकु 242 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हाइकू--जीवन जंग -------------------------- जीवन जंग। बुढ़ापा पराजय। मृत्यु विजय। सारा अपूर्ण। आदमी जीये तो क्या! युद्ध?जीवन? असंभव है। नर का नर होना। दायरा छोटा। स्पंदन है,तो। वही तत्व,यौगिक। जीव-प्रारूप। पश्चात मृत्यु। शून्य... Hindi · हाइकु 478 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हाइकु--असहज ----------------------- प्रश्न से दूर। असहज हाइकु। मनुष्य भी है। चाँदनी ही क्यों? असहज हाइकु। तपता मन! सबके लिए। असहज हाइकु। खोलो बदन। है रेगिस्तान। फैलता,सिकुड़ता। नि:शब्द दर्द। कितना दु:ख! असहज... Hindi · कविता 338 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हाइकू--रवि ------------------------- वरदान है। पृथ्वी,प्राणी के लिए। सूर्य तारक। सरल है। जीना इस विश्व में। सूर्य सेवक। भगवान है। देवी,देवताओं का। सूर्य पावक। इंसान बना। कुंती-पति सूरज। लज्जा-जनक। निष्प्राण होगा। सारे... Hindi · हाइकु 255 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हाइकू — रास्ते ----------------------------- बिछे हैं रास्ते। नुंचे-चुंथे रूआँसा। गाड़ी के नीचे। मेरा सफर। राजपथों से चौड़े। गड्ढों से भरे। कहने में हूँ। चिकनी-चुपड़ी सी। सड़कों जैसी। कोसता चले। पथ और पथिक। पटके... Hindi · कविता 195 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हाइकू--युद्ध --------------- शांति के लिए। इतिहास का युद्ध। शांति हताश। रक्त में डूबा। युद्ध का इतिहास। दर्प जिंदा है। प्राण का नहीं। युद्ध कल्याण का हो। जियो,जीने दो। अलौकिक था। रची... Hindi · हाइकु 257 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 5 min read हिस्टीरिया माँ मैं तुम्हारी बेटी आज तुमसे रूठकर खो जाऊँगी। माँ गंगा के पवित्र गोद में सिर रखकर सो जाऊँगी। तुमने वो दुल्हा वाला खिलौना नहीं दिया न इसलिए। तुमने राजकुमार... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read है वही दिन,रात का रोना ------------------------------------------ है वही दिन,रात का रोना। वही दरके हुए गाने, वही रूठा जमाना। दोस्तों की दुश्मनी का बस वही दस्तक। परिस्थितियों के सामने मेरा झुका मस्तक। आस्था से भरे फूल-मालाओं... Hindi · कविता 160 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read होली--होली वही जो कि खेलै कन्हैया ---------------------------------------------------------------------- होली वही जो कि खेलै कन्हैया वृंदावन की गलियों में, प्रभु। अरु लाल गुलाल वही जो पलाश ने दी अलियों को मान प्रभु। अरे गीत वही जो कि गाये... Hindi · कविता 175 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read कर्ज किसका था मैं ---------------------------------------------- सारा दिन प्राणपन से रहा खोदता। सारा दिन खेत सूखा रहा भोगता। पसीने से नमक चूसता प्यास पीता रहा। सारा समय देह कंकाल भी जीता रहा। राहतों की नुमाइश... Hindi · कविता 178 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read सांझ का शृंगार -------------------- रोज मचलती है साँझ करने शृंगार। रोज खाती है मुंह की होने से अंधकार। सिसकती है रोज,रोज झिझकती है वह। युवा हो जाती है ऐसी पीड़ाओं को सह। रात... Hindi · कविता 187 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read व्याध सा आदमी ----------------------------------------- कथन से विपरीत सोचता है मन यदा-कदा। सोचता जो कहता नहीं आदमी सदा,सर्वदा। मन में मनुष्य के रहता है हिंस्र सिंह बकरी सा मिमियाता है स्वार्थ वास्ते। मनुष्य की... Hindi · कविता 240 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मातृ-दिवस पर व्यक्त दु:ख ---------------------------------------------------------- मातृत्व जन्म देने से है जुड़ा? या वात्सल्य के वरदान से गढ़ा? वात्सल्य कर्तव्य है या करुणा से उपजी प्रतिक्रिया? स्वाभाविक रक्षण की प्रेरणा,अनुवांशिक अभिक्रिया? जैविक कोशिकाओं का गुण-धर्म?... Hindi · कविता 182 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read विवाह ------------------------ विवाह क्या है एक आतिशबाज़ी ही? कुछ शब्द जो चीखते हैं किन्तु, सुनाई नहीं देते। रंग-बिरंगे रौशनी के चमकते झालर, जो दिखाई नहीं देते। अपरिभाषित आशीर्वचन और शाबाशी ही?... Hindi · कविता 194 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read वर्षों बाद तुम्हें देखा --------------------------------------------------- वर्षों बाद तुम्हें देखा आशंकित तमन्ना नगर देखने की थी। किन्तु, तुम बेतरतीब थे आज भी जंगल की तरह। तुम्हारे बेतरतीब ज़ुल्फों से ही तो हमें प्यार था। छूने... Hindi · कविता 225 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read वर ने वधू से पूछा वर ने वधू से पूछा- तुम्हारे शौक क्या-क्या हैं? वधू बोली – तुम अपनी पसंद बताओ। वे मेरे शौक होंगे। और वर ने वधू पसंद कर लिया। Hindi · कहानी 1 260 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read लालटेन ---------------------------------------------------------- जन्म के पहले रौशनी अंधेरा था। अंधेरे में भटकता हुआ स्यात्। जलने के लिए न सामग्री थी न तेल। किन्तु,अंधेरा,रौशनी को जन्म देने की प्रक्रिया से भिज्ञ था। उसने... Hindi · कविता 326 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read रुदन,जाते वर्ष का --------------------------------------------------------------------- आदमी कोसता रहा सारा वर्ष। वर्ष ने आदमी को कोसा है। प्रयोगों को थोप दिया हम पर आदमी ने मनहूस दिन थे सारे इस वर्ष के । इस वर्ष... Hindi · कविता 301 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read राजनैतिक विरोध का चरित्र ---------------------------------------------------------- राजनैतिक विरोध का चरित्र दंगात्मक हो तो, प्रजातांत्रिक अनुशासन का है स्खलन। नेताओं का ही नहीं आदमी का भी है निम्न दर्जे का मानसिक पतन। विरोध का राजनैतिक स्वरूप... Hindi · कविता 192 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read राजनीति: अनेक संदर्भ ---------------------------------------------------------- धार्मिक। हिम के शिखर से उतार कर। चट्टानों से चोट खिलाकर। औषधयुक्त पवित्र जल गंगा का सुदूर हरिद्वार से और काशी से स्वर्ण-कलश में,चढ़ाकर कंधे पर। मँगवा लिया देवघर,... Hindi · कविता 443 Share Previous Page 4 Next