Arun Prasad Language: Hindi 498 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read कर्ज किसका था मैं ---------------------------------------------- सारा दिन प्राणपन से रहा खोदता। सारा दिन खेत सूखा रहा भोगता। पसीने से नमक चूसता प्यास पीता रहा। सारा समय देह कंकाल भी जीता रहा। राहतों की नुमाइश... Hindi · कविता 166 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read सांझ का शृंगार -------------------- रोज मचलती है साँझ करने शृंगार। रोज खाती है मुंह की होने से अंधकार। सिसकती है रोज,रोज झिझकती है वह। युवा हो जाती है ऐसी पीड़ाओं को सह। रात... Hindi · कविता 173 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read व्याध सा आदमी ----------------------------------------- कथन से विपरीत सोचता है मन यदा-कदा। सोचता जो कहता नहीं आदमी सदा,सर्वदा। मन में मनुष्य के रहता है हिंस्र सिंह बकरी सा मिमियाता है स्वार्थ वास्ते। मनुष्य की... Hindi · कविता 223 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मातृ-दिवस पर व्यक्त दु:ख ---------------------------------------------------------- मातृत्व जन्म देने से है जुड़ा? या वात्सल्य के वरदान से गढ़ा? वात्सल्य कर्तव्य है या करुणा से उपजी प्रतिक्रिया? स्वाभाविक रक्षण की प्रेरणा,अनुवांशिक अभिक्रिया? जैविक कोशिकाओं का गुण-धर्म?... Hindi · कविता 166 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read विवाह ------------------------ विवाह क्या है एक आतिशबाज़ी ही? कुछ शब्द जो चीखते हैं किन्तु, सुनाई नहीं देते। रंग-बिरंगे रौशनी के चमकते झालर, जो दिखाई नहीं देते। अपरिभाषित आशीर्वचन और शाबाशी ही?... Hindi · कविता 179 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read वर्षों बाद तुम्हें देखा --------------------------------------------------- वर्षों बाद तुम्हें देखा आशंकित तमन्ना नगर देखने की थी। किन्तु, तुम बेतरतीब थे आज भी जंगल की तरह। तुम्हारे बेतरतीब ज़ुल्फों से ही तो हमें प्यार था। छूने... Hindi · कविता 209 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read वर ने वधू से पूछा वर ने वधू से पूछा- तुम्हारे शौक क्या-क्या हैं? वधू बोली – तुम अपनी पसंद बताओ। वे मेरे शौक होंगे। और वर ने वधू पसंद कर लिया। Hindi · कहानी 1 237 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read लालटेन ---------------------------------------------------------- जन्म के पहले रौशनी अंधेरा था। अंधेरे में भटकता हुआ स्यात्। जलने के लिए न सामग्री थी न तेल। किन्तु,अंधेरा,रौशनी को जन्म देने की प्रक्रिया से भिज्ञ था। उसने... Hindi · कविता 306 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read रुदन,जाते वर्ष का --------------------------------------------------------------------- आदमी कोसता रहा सारा वर्ष। वर्ष ने आदमी को कोसा है। प्रयोगों को थोप दिया हम पर आदमी ने मनहूस दिन थे सारे इस वर्ष के । इस वर्ष... Hindi · कविता 286 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read राजनैतिक विरोध का चरित्र ---------------------------------------------------------- राजनैतिक विरोध का चरित्र दंगात्मक हो तो, प्रजातांत्रिक अनुशासन का है स्खलन। नेताओं का ही नहीं आदमी का भी है निम्न दर्जे का मानसिक पतन। विरोध का राजनैतिक स्वरूप... Hindi · कविता 177 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read राजनीति: अनेक संदर्भ ---------------------------------------------------------- धार्मिक। हिम के शिखर से उतार कर। चट्टानों से चोट खिलाकर। औषधयुक्त पवित्र जल गंगा का सुदूर हरिद्वार से और काशी से स्वर्ण-कलश में,चढ़ाकर कंधे पर। मँगवा लिया देवघर,... Hindi · कविता 426 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read ॥रक्तपात होना चाहिए॥ ----------------------------- रक्तपात होना चाहिए॥ पत्ते स्वयं झड़ते हैं, बुराइयाँ नहीं.... रक्त बहना ही चाहिए दोष तय करने के लिए। बचकर निकलना आदमी और जानवर दोनों के लिए आवश्यक है। पके... Hindi · कविता 278 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read युद्ध जरूरी है अभी ----------------------- लो,आदेश दिया कवि होते हुए भी, कोमल और करुण होते हुए भी। लो,संदेश दिया बूढ़ा होते हुए भी, अशक्त और बीमार होते हुए भी। लो,हौसला देता हूँ थका होते... Hindi · कविता 1 333 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read शुभकामनाओं से शुरू हुआ वर्ष यह --------------------------------------------- शुभकामनाओं से शुरू हुआ वर्ष यह। बधाई संदेशों से होगा संपन्न यह। अच्छी सोच और अच्छे विचार टहलते रहेंगे आदमी के मन में। समता की बातें करते हुए मिलेंगे... Hindi · कविता 138 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मुकरियाँमेरे द्वारा बिन इसके जीना क्या जीना! घुट-घुट केवल आँसू पीना। ताना सुनना,सब दिन वादी। कि सखि साजन? न सखी आजादी। हर पल उसकी बाट जोहती। मन,मन उसको खूब मोहती। जिसने है... Hindi · कविता 188 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read मृत्यु --------------------------------------------- पता नहीं मृत्यु को ‘पूरा’ है या अधूरा। खुद को याद नहीं रखता मृत्यु। मन में कोई अवसाद नहीं रखता मृत्यु। जीवन पूरा हो जाता है यहाँ, चाहे जितना... Hindi · कविता 240 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read काम* मैं तुम कामिनी ---------------------------- मैं चाँद हूँ तुम चाँदनी। मैं कंत हूँ तुम भामिनि। मैं राग हूँ तुम रागिनी। इतनी उतावली यमिनी। क्योंकि काम* मैं तुम कामिनी। तरुवर छटा बिखेरता। मुझ चाँद को... Hindi · कविता 230 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read मेरी हत्या करोगे? ----------------------------------- मैं लोगों से चाहता हूँ नफरत करना। काश! अच्छा लगता मुझे नफरत करना। स्नेह और दुलार से वंचित रहने दिया मुझे,इसलिए। किसी ने मेरी परवाह नहीं की,इसलिए। मैं बुझा... Hindi · कविता 393 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मेरी जीवन व्यवस्था ------------------------------- प्रारंभ पढ़ाई-लिखाई से नहीं कमाई से, होता है जीवन। वह दसवें वर्ष में इसलिए जवान हो गया। और मैं तिसवे वर्ष में इसलिए। शिक्षा का उजाला मुझे इतने दिनों... Hindi · कविता 223 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मिट्टी खोदकर तुमने मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर साष्टांग, हमने दक्षिणा वसूले।... Hindi · कविता 179 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता मानव का ----------------------------------- तन से मानव,मन से मानव। आप नहीं क्या प्रण से मानव? मानवता दिखलाना पड़ता। दु:ख में साथ निभाना पड़ता। मानवता की कुछ शर्तें हैं। घृणा,द्वेष गहरी गर्ते हैं। उनसे... Hindi · कविता 135 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता मानव का ----------------------------------- तन से मानव,मन से मानव। आप नहीं क्या प्रण से मानव? मानवता दिखलाना पड़ता। दु:ख में साथ निभाना पड़ता। मानवता की कुछ शर्तें हैं। घृणा,द्वेष गहरी गर्ते हैं। उनसे... Hindi · कविता 199 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता ईश्वर का गुण ------------------------------------- सूरज की किरणें,जीवन का संकल्प है। पृथ्वी से इतर सारे ग्रहों पर गल्प है। जीव ईश्वर का गतिज-यंत्र तो नहीं! और शक्ति-दाता सूर्य,तंत्र तो नहीं। प्राण का विश्लेषण है... Hindi · कविता 414 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read माँ (अरुण कुमार प्रसाद) -------------------------- रोती है माँएँ। संतान वास्ते अति। जन्म देकर। खोती है माँएँ। अपना सुख चैन। सोती है माँएँ। अधूरी नींद। तनिक सी पीड़ा से। संतान की वे... Hindi · कविता 361 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read माँ शारदे! ======================= माँ शारदे! दे ममत्व का दान मुझे। वरद हस्त मेरे मस्तक पर देवि तू धर दे। मेरे संबल,बुद्धि,बल का ज्ञान करा दे मुझे। वर दे सहस्त्र शत बार मुझे।... Hindi · कविता 183 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read महान राष्ट्र ------------------------------ स्थिर हो राष्ट्र तो, महान होने की संभावना तो है। पर, होनी चाहिए प्रतिबद्धता स्थिर। खण्डित मन में राजनीति नहीं। और राजनीति में खण्डित मन नहीं। महानता शब्द में... Hindi · कविता 197 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read सीधी लाईन का मातृ-दिवस -------------------------------------------------------------- मातृत्व जन्म देने से है जुड़ा? या वात्सल्य के वरदान से गढ़ा? वात्सल्य कर्तव्य है या करुणा से उपजी प्रतिक्रिया? स्वाभाविक रक्षण की प्रेरणा,अनुवांशिक अभिक्रिया? जैविक कोशिकाओं का गुण-धर्म?... Hindi · कविता 471 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read भोग की नियति तो है ही ध्वंस ------------------------------------- भोग की नियति तो है ही ध्वंस मैं राम हूँ। परंपरा निभाता हुआ राम। मेरा अस्तित्व किन्तु, है रावण। संस्कारगत लाम। भोग की नियति तो है ही ध्वंस। जीवन... Hindi · कविता 173 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read हाइकु--भगवान से भगवान से --अरुण कुमार प्रसाद ----------------------- भगवान से। गुजारिश करें कि रोये कोरोना। सारा प्रभाव। वो, हैवानियत का । खोये कोरोना। पौधे मौत का गली-मोहल्ले में न, बोये कोरोना। बीमार... Hindi · हाइकु 486 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read बोध,कर्तव्य का ----------------------- कर्तव्यच्युत नहीं होते कभी तरु,तरुवर;घास-फूस भी। निर्धारित है उनका कर्तव्य। अंकुरण से मरण तक! मिट्टी से सोखकर सत्त्व हमारे भरण तक। बोध भी उनको। भूले तुम क्यों? ठेकेदार बुद्धि... Hindi · कविता 281 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read बेवकूफ हाइकू ----------------------- प्रश्न से दूर। बेवकूफ हाइकू। मनुष्य भी है। चाँदनी ही क्यों? बेवकूफ हाइकू। तपता मन! सबके लिए। बेवकूफ हाइकू। खोलो बदन। है रेगिस्तान। फैलता,सिकुड़ता। नि:शब्द दर्द। कितना दु:ख! बेवकूफ... Hindi · हाइकु 485 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read पैमाना, दु:ख का (अरुण कुमार प्रसाद) -------------------------------------------- मुझे भोजन नहीं मिला मैं दु:खी हूँ। मुझे वस्त्र नहीं मिला मैं दुखी हूँ। मुझे छत नहीं मिला मैं दुखी हूँ। ये मौलिक दु:ख हैं। दु:ख... Hindi · कविता 161 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read पन्द्रह अगस्त ------------------ विश्व तुम्हारे लिए अंक का संयोजन होता पन्द्रह अगस्त। किन्तु,हमारे लिए राष्ट्र का होता यह दिन अति ही पवित्र। आजादी का तिलक लगाकर फिर आयेगा पन्द्रह अगस्त। बलिदानों की... Hindi · कविता 236 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती - -----------------------अरुण कुमार प्रसाद देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती। नहीं हो सकती तुम माँ,यशोदा की अपेक्षा। हाँ,तुम माँ हो, क्योंकि,तुमने किया प्रवृत वसुदेव को। विचार किया और संतान की,की रक्षा।... Hindi · कविता 1 1 236 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read संकल्प प्रीत का -------------------------------------------- देखा मैंने तुम्हें अंधेरे से निकलती हुई प्यार बरबस दिल के अंदर भर गया। तुम्हारे चेहरे पर डरा हुआ देखा तुम्हें सारे हौसले देने तुम्हें दिल मचल गया। तुम्हारे... Hindi · कविता 199 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read दर्पण की तलाश ------------------ सामने दर्पण के खड़े होने से डरता है आदमी। क्षणभर में ही हजारों मौत मरता है आदमी। आ जाता है तमाम सारा करतूत सामने जीवन भर जो-जो करता है... Hindi · कविता 181 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मुकरीयां तेरे बिन सावन है सूना। दिन रातों से सूना दूना। भोर मचाए झूठा शोर। वो सखी साजन? नहीं सखी घटा घनघोर। रात में दिन का भरा उजाला। आगे सब कुछ... Hindi · मुक्तक 157 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारे द्वार पर चिट्ठी हमारा रख गया होगा ----------------------------------------------- --------- तुम्हारी खिड़कियों से चाँद ने झाँका तुम्हें कुछ कह गया होगा. तुम्हारे द्वार पर चिट्ठी हमारा रख गया होगा. अवध की शाम में झंकृत वो वीणा कस गया होगा.... Hindi · कविता 139 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारा पुराण मिला है तुम्हें ---------------------------------------------------- जैसा काबिल बने तेरे हिस्से में वो मिला है तुम्हें। जो भय था तुम्हारे किस्से में वो मिला है तुम्हें। खुशियों के कुछ पल गये खिलखिला है तुम्हें। दु:खों... Hindi · कविता 163 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read तमाम लोग ही दुश्मन की तरह देखते हैं तुम्हें। तमाम लोग ही दुश्मन की तरह देखते हैं तुम्हें। अपने राह का और एक, कांटा मानते हैं तुम्हें । साफ कर सको अपनी राह तो निकलना यारो। किसी बहकावे में... Hindi · कविता 172 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read जो हथियारों से सजते --------------------------------------------------- जो हथियारों से सजते वे क्रूर और हत्यारे हैं। कहते खुद को बाहुबली पर,वे खुद से हारे हैं। सत्ता-लोलुपता उसके रोम-रोम में भरा हुआ। दम भरते मानव का,दानव अंदर... Hindi · कविता 192 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read जीवन और ईश्वर ------------------------------ जीवन शाश्वत है प्रारंभ नहीं,अंत नहीं। आस्था के कारण मानना नहीं, ईश्वर का अस्तित्व। आस्था के कारण नहीं, ईश्वर। ईश्वर तो है उपस्थित। कहने से नहीं किसी के। उपस्थित... Hindi · कविता 428 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read जमाने से ही तेरी दुश्मनी है कह, करोगे क्या? ---------------------------------------------- जमाने से ही तेरी दुश्मनी है कह, करोगे क्या? तुम्हारे हाथ में सत्ता है बोलो अब करोगे क्या? जब चुनना था तुमने धर्म,गोत्र,जाति था चुना। वे ही तेरे विरुद्ध... Hindi · कविता 257 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read गीत--जब हो रात अधूरा आ जाना पूरा करने ओ,प्रियतमा जब हो रात अधूरा आ जाना पूरा करने ओ,प्रियतमा। बहुत अंधेरे में प्यार हमारा खो जाए न ओ,प्रियतमा। रस्म निभाना नहीं प्रियतम ये, कसमें है पूरा करना । एकाकी हम... Hindi · गीत 162 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read चलो,वहाँ सूरज है --------------------------------- कठिन ही है शहर, गाँव के लिए। और गाँव भी अत्यंत कठिन शहर के लिए। सभ्यता ऐसी कि कर देता है फर्क। संस्कृति इतनी सी कि हर बात पे... Hindi · कविता 288 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read उड़ें चलो -------------------------------- चलो उड़ें नभ में। नभ के गौरव में। उस गौरव का रसपान करें। सूर्य,चंद्र,तारों को छूकर अपना आ सम्मान करें। व्योम ब्याह कर ले आएंगे। स्याह अन्तरिक्ष का धो... Hindi · कविता 134 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read गुस्से का गजल ------------------------------------------------- क्यों हो नहीं सकता, यहाँ गुस्से का गजल। जीते हैं लोग हर दिन यहाँ गुस्से का गजल। प्यार सिर्फ कथाओं में है जीता हुआ मिला। व्यवहार में सुनते-सुनाते वे... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 6 min read सत्य गाँव?-असत्य गाँव ? ------------------------------------- गाँव तुम्हारे प्रांगण में देखा गहराते तेरा छांव. ओठों पर स्मित हंसी देखी तन पर चीथड़े का लटका पांव. दर्द नशा सा छाया था नशा दर्द का साया था.... Hindi · कविता 404 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read गाँधी को हक दे दो -------------------------------------------- अब गांधी को आओ, उसका हक दे दो। रस्तों से उठाओ,जीवन में जगह दे दो। संकल्प उनका सुधिजन,अधूरा नहीं रहे। चाहे तो तन,मन,जीवन;प्राण तक दे दो। युग का तुम्हारे... Hindi · कविता 164 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read गजल- जिसे जीना नहीं आया --------------------------------------------------------------- जिसे जीना नहीं आया उसके हिस्से में रोना आया। मेरे हिस्से में आया तो बस स्याह सा कोना आया। हम जिसे जिन्दगी समझ रहे हैं जी,मौत से बदतर। तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 175 Share Previous Page 4 Next