Madhu Gupta "अपराजिता" 140 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhu Gupta "अपराजिता" 30 Apr 2025 · 1 min read हर सफ़र एक सबक हैं की मंज़िल तक कौन साथ चलेगा। हर सफ़र एक सबक हैं की मंज़िल तक कौन साथ चलेगा। ये तेरे मेरे एहितराम पे नहीं वक़्त की नज़ाकत पे निर्भर करेगा।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 13 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 29 Apr 2025 · 1 min read "संघर्ष जारी है" साथ में तेरे कोई नहीं दीप जलाने वाला सच्चा साथी है। चलना है तुझको अकेला जीवन के पथ में यहीं रीत पुरानी है।। रास्ते सामने कई मगर है सही रहा... Hindi · कविता 12 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 29 Apr 2025 · 1 min read चोटिल मन पर वार करेगा, चोटिल मन पर वार करेगा, हर कदम पे ये संसार तुझे नीचा दिखायेगा। पर इन से हार कर राही क्या तू, रस्ता झूठ और मक्कारी का अपनायेगा।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 13 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 29 Apr 2025 · 1 min read "माँ तेरे आँचल में" माँ तेरे आँचल में, गुम हो कर सोना चाहती हूं, फ़रियाद अगर सुन ले मौला ... तेरे कांधे पर सर रख माँ, कुछ पल वितानाचाहती हूँ....,। बिखरी-बिखरी सी पड़ी हूंँ... Hindi · कविता 9 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Apr 2025 · 1 min read चार कदम चल कर थक गए हैं हम। चार कदम चल कर थक गए हैं हम। सफ़र इतना आसान ज़िंदगी का अब नहीं होने वाला।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 15 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Apr 2025 · 1 min read किस्मत का खेल है या यूं कहिए लकीरों का। किस्मत का खेल है या यूं कहिए लकीरों का। की हर बार हमें हमारी तकदीर की कहानी सुहानी नहीं मिलती।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 15 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Apr 2025 · 1 min read कोई रास्ता नज़र नहीं आता कोई मंजिल दिखाई नहीं देती। कोई रास्ता नज़र नहीं आता कोई मंजिल दिखाई नहीं देती। हमें अपने ही घर में कोई चीज़ अपनी दिखाई नहीं देती।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 10 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Apr 2025 · 1 min read मौन में भी एक ध्वनि आ बसी है,ना है आवाज़ फिर भी सरगम सी छिड़ मौन में भी एक ध्वनि है,ना है आवाज़ फिर भी सरगम सी छिड़ उठी है। ये क्या,बहती हुई हवा कानों में बारिश की बूँदों की झंकार कर गई है।। मधु... Quote Writer 14 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 26 Apr 2025 · 1 min read ज़िंदगी तेरी ज़िद है कि तू मुझे चैन से नहीं रहने देगी। ज़िंदगी तेरी ज़िद है कि तू मुझे चैन से नहीं रहने देगी। तो सुन, मैं भी तेरी नाक में दम कर दूँगी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 15 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 25 Apr 2025 · 1 min read मुझे उठाने वाले कहाँ जा कर सो गए हो तुम। मुझे जगाने वाले बोलो कहाँ जा कर सो गए हो तुम। प्यार जता कर किस दुनिया की गलियों में खो गए हो तुम।। चाय तो रोज़ साथी बन कर मुझको... Quote Writer 20 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 24 Apr 2025 · 1 min read तू इंसान था या शैतान जो निहत्थों पर बेरहमी से वार किया। तू इंसान था या शैतान जो निहत्थों पर बेरहमी से वार किया। पूछ के उनका धर्म उनको उनके ही देश में कत्लेआम किया।। मधु गुप्ता "अपराजिता" 😭😭🙏🙏😭😭 Quote Writer 1 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 23 Apr 2025 · 1 min read "इंसानियत हुई शर्मसार" कौन थे यह किस जात के थे,किस धर्म में यह सिखलाया है। पूछ के धर्म करा नरसंहार,ये मानव रूप में राक्षस कहाँ से उतर आया है।। हो गई इंसानियत शर्मसार,जिंदगी... Hindi · कविता 21 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Apr 2025 · 1 min read ज़िंदगी और मौत के बीच,फ़ासला रफ़्ता रफ़्ता घट रहा है। ज़िंदगी और मौत के बीच,फ़ासला रफ़्ता रफ़्ता घट रहा है। धड़कने कम हो रही है और "मौत" का शिकंजा कस रहा है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 2 24 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Apr 2025 · 1 min read "एक तरफा मोहब्बत" एक तरफा मोहब्बत का,एहितराम कुछ खास होता है। ना ईर्ष्या,जलन और ना बेवफ़ाई का कोई राग रहता है।। माना रहती है अधूरी और बेनाम सी,दिलों की ये मोहब्बत। मगर इसमें... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 2 17 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 21 Apr 2025 · 1 min read "विचार जो राह दिखाए" बैठो दो घड़ी शांत हो कर खुद के पास, और पलकों का शामियाना तब लो तान। सुनो दिल और दिमाग की इत्मीनान के साथ, तब करो निर्णय अंदर चलते द्वंद्व... Hindi · कविता 19 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Apr 2025 · 1 min read कोई तस्वीर अब मुकम्मल नहीं बनती। कोई तस्वीर अब मुकम्मल नहीं बनती। बनती है कुछ अलग मग़र पहले जैसी नहीं बनती।। कभी रंगत में तो कभी पाकीज़गी में बरहमी रह जाती है। क्या करूं रंगों की... Quote Writer 38 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Apr 2025 · 1 min read खिड़कियां भी ख़ामोश पड़ी है दरवाज़े भी नहीं बोलते। खिड़कियां भी ख़ामोश पड़ी है दरवाज़े भी नहीं बोलते। शायद दोस्तों ने अब ठिकाने अपने कहीं और बना रखें हैं।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 33 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Apr 2025 · 1 min read "हम भारत के लोग" हम भारत के लोग' कितना सटीक वाक्य है, सुनकर लगता है...जैसे सारा का सारा भारत हमारी आत्मा में समाया हुआ है,पर क्या वाकई हम अपने देश की संप्रभुता,अखंडता,धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र... Hindi · लेख 1 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Apr 2025 · 1 min read सिकन्दर सारी दुनिया को जितने के बाद भी। सिकन्दर सारी दुनिया को जितने के बाद भी। अंत में अकेला ही रह गया, सो जियादा की चाह नहीं बस सबको प्रेम देते चलिए..!! मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Apr 2025 · 1 min read अब तुम मुझमें घर करते जा रहे हो। अब तुम मुझमें घर करते जा रहे हो। भूल जाने का कोई सबब नहीं मिल रहा।। अज्ञात Quote Writer 25 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Apr 2025 · 1 min read ये ख़ालीपन अब कैसे भरूं मैं, ये ख़ालीपन अब कैसे भरूं मैं, बताए तो कोई कौन सा टॉनिक पियूं मैं। ज़िस्म में जाँ बेचैन ढूंढे उसे, ख़ुदाया अब तो उसका दीदार पाऊं मैं।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 31 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Apr 2025 · 1 min read उठ जाओ वो ये कह कर हर रोज़ जगाता है। उठ जाओ वो ये कह कर हर रोज़ जगाता है। मैं यह सुनकर एक और झपकी लगाती हूँ।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 14 Apr 2025 · 1 min read कभी थकता कभी चलता राही कभी थकता कभी चलता राही जिंदगी को अपनी ही कसौटी पर कसता राही जुबान बंद मगर कदमों को नापता राही हर कदम की आहट पे भय से कांप उठता राही... Quote Writer 21 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 14 Apr 2025 · 1 min read दुनिया का सबसे सही इंसान मैं हूँ और जो भी हुआ मेरे साथ गलत ह दुनिया का सबसे सही इंसान मैं हूँ और जो भी हुआ मेरे साथ गलत हुआ, सही होते हुए भी मुझे ही क्यों गलत ठहराया गया यह सोच वाकई में कितनी... Quote Writer 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 11 Apr 2025 · 1 min read बहुत कड़वाहट है फिर भी मोहब्बत आज भी बरकरार है। बहुत कड़वाहट है फिर भी मोहब्बत आज भी बरकरार है। छलकता एक दूसरे के लिए ज़हर में भी बेशुमार प्यार है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 10 Apr 2025 · 1 min read हँसी में उड़ा दिए हमने कई ग़म के दिन। हँसी में उड़ा दिए हमने कई ग़म के दिन। चराग़ जलते रहे और हम मिट गए रात के संग।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 21 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 10 Apr 2025 · 1 min read रुका रुका सा है ये वक़्त, ठहरी ठहरी सी है शाम। रुका रुका सा है ये वक़्त, ठहरी ठहरी सी है शाम। भीगी हुई पलकों में सहमी हुई सी है,बीती कल की रात।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 10 Apr 2025 · 1 min read "चलो तो सही दो कदम" चलो तो सही दो कदम चलो तो सही दो कदम बिगड़ी तकदीर बदल जाएगी। ना बदला यहाँ कुछ तो अनुभवों की समझ तो आएगी।। माना डगर मिलाकर चलने में थोड़ी... Hindi · कविता 1 31 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Apr 2025 · 1 min read क्यों ऐसा अक्सर होता है, क्यों ऐसा अक्सर होता है, आँखों की नमीं में ही कोई गहरा सवाल छुपा होता है। कभी कभी आँसू पोछने वाले ही, तुम्हें रुलाने की वजह होता है।। मधु गुप्ता... Quote Writer 1 36 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Apr 2025 · 1 min read "ऐसा क्यों होता है अक्सर" खुली आँखों में ही नहीं रहते हैं आँसु। बंद पलकों में भी हड़कप मचाते हैं आँसू।। ऐसा क्यों होता है अक्सर ज़िंदगी के सफर में। राह चलते थाम ले हाथ... Hindi · कविता 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Apr 2025 · 1 min read इस दिल-ए-नादाँ को है उसी की जुस्तुजू। इस दिल-ए-नादाँ को है उसी की जुस्तुजू। और उसी से हैं शिकायतें हज़ार ना जाने क्यों।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Apr 2025 · 1 min read वजह आज मैं उसको नफ़रत करने की दे आई हूँ। वजह आज मैं उसको नफ़रत करने की दे आई हूँ। झूठी सच्ची एक मनगढ़ंत कहानी गढ़ के आई हूँ।। वह क्या जाने किसके कारण उसे हार मैं आई हूँ। बतला... Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Apr 2025 · 1 min read सारी उदासी उसके दिल के कोने में छुपा कर रख आई हूँ। सारी उदासी उसके दिल के कोने में छुपा कर रख आई हूँ। और हँस रही हूँ सोच के ये,की ख़रीददार ग़मों का ढूंढ लाई हूँ ।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Apr 2025 · 1 min read जहाँ बोलते हुए ना सोचना पड़े, जहाँ बोलते हुए ना सोचना पड़े, और ना बतानी पड़े उदासी की वजह। ख़ुशियो में ही नहीं दर्द में भी हाथ काँधे पे जिसका बना रहे, सही मायने में वहीं... Quote Writer 2 1 36 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Apr 2025 · 1 min read नदिया ख़ारे समुद्र को, नदिया ख़ारे समुद्र को, अपना हमराह बनाती है। जाने है ख़ारा बहुत है, फ़िर भी हंस कर गले लगा लेती है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 2 1 33 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 7 Apr 2025 · 1 min read "वह कल था" बीच नींद खुल गई,हो गया टूट कर चकनाचूर सपना है । खुली आंख तो लगा,कि जैसे,वो बीते कल का साया है।। आज सुनहरा सवेरा,आंखों में नया स्वप्न सजाने आया है।... Hindi · कविता 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Apr 2025 · 1 min read तन्हा उदास छोड़कर,वो दूर जा बैठा। तन्हा उदास छोड़कर,वो दूर जा बैठा। शायद चाँद- सितारों के बीच वो,आशियाना बना बैठा।। जब भी बढ़ाए कदम,कंकड़ कोई रास्ता रोक बैठा। शायद तेरा नाम आने तक,खुदा मेरी तक़दीर लिख... Quote Writer 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Apr 2025 · 1 min read ना मैं इसे याद करूंगी,ना मैं उसे याद करूंगी। ना मैं इसे याद करूंगी,ना मैं उसे याद करूंगी। कसम हैं मुझे....!! आज भरी महफ़िल में,सभी को नज़रंदाज़ करूँगी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Apr 2025 · 1 min read मुझसे आ कर कोई मिलता क्यों नहीं। मुझसे आ कर कोई मिलता क्यों नहीं। क्या ज़मीन को आसमाँ आ कर खा गया।। मधु गुप्ता "अपराजिता" ✍️✍️🙄🙄 Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Apr 2025 · 1 min read ना कुछ लिखा जा रहा है ना कुछ पढ़ा जा रहा है। ना कुछ लिखा जा रहा है ना कुछ पढ़ा जा रहा है। मसला ज़िंदगी का कुछ उलझता सा जा रहा है।। जितना ढूंढ रही हूँ ख़ुद को,उतना खोने का डर... Quote Writer 1 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Apr 2025 · 1 min read बहुत उदासी छा गई, बीच में अंधेरा भी तो आ गया, बहुत उदासी छा गई, बीच में अंधेरा भी तो आ गया, चराग़ जल के बुझ गए,ये हवा कैसी चल गई। बहारों के मौसम में, सूखे पत्तों की चुभन कहाँ से... Quote Writer 29 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 4 Apr 2025 · 1 min read सारे निशाँ मिटा दिये,कोई गिला न ख़ुद से किया। सारे निशाँ मिटा दिये,कोई गिला न ख़ुद से किया। खो कर अपनी पहचान को,आबाद उसका घर किया।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 22 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 4 Apr 2025 · 1 min read "ज़िंदगी सी किताब" कुछ में उल्लास अति सुंदर कुछ में दर्द के गीत लिखे हैं शामिल किताब सी जिंदगी में कुछ लम्हात बिना किसी जज़्बात लिखे हुए, बचपन की कुछ यादों की अमिट... Hindi · कविता 31 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 4 Apr 2025 · 1 min read आज तेरी बर्बादी का फ़रमान जारी कर आई हूँ। आज तेरी बर्बादी का फ़रमान जारी कर आई हूँ। तेरे साथ मैं अपनी भी,कहानी ख़त्म कर के आई हूँ।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 22 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 3 Apr 2025 · 1 min read "भूले हैं हम रफ़्ता रफ़्ता" भूल गए हम रफ़्ता रफ़्ता,दर्द पुराना दिल का हल्का-हल्का। मग़र डर जाते उस उठती तीस से,जो रह रह कर दिल को रुलाती।। वक़्त की शय पर थी सबकी सवारी,मन की... Hindi · कविता 26 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 3 Apr 2025 · 1 min read बोली लगा दी मैंने उन तमाम ख़्वाबों की। बोली लगा दी मैंने उन तमाम ख़्वाबों की। रुलाते थे जो हर-सू हर शाम होने पे।। मधु गुप्ता “अपराजिता” Quote Writer 25 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read भूल गए हम रफ़्ता रफ़्ता ज़ख़्म पुराने आहिस्ता आहिस्ता। भूल गए हम रफ़्ता रफ़्ता ज़ख़्म पुराने आहिस्ता आहिस्ता। उठती तीस से हम डर जाते कहीं उतर न जाए रंग ये झूठे के सारे।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 24 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read "ना कृष्णा ना राम मिलेंगे" लोभ मोह ना छोड़ोगे ना छोड़ोगे लालच का भंडार। फिर कैसे पाओगे हृदय में,कृष्ण और राम का अवतार।। झूठ बोल और रिश्वत देकर,जो पूरे करोगे अपने काम। तो रह जाओगे... Hindi · कविता 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read "माँ ब्रह्मचारिणी" दूसरा रूप है माँ ब्रह्मचारिणी का करो हृदय से प्रणाम।। ब्रह्मचारिणी अवतार वो कहलाती है तप की वो चरणी।। जन्म हुआ हिमालय के घर,पुत्री उनकी प्यारी कहलाई। शंकर संग जायेगी... Hindi · कविता 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read "मां चंद्रघंटा" माँ पार्वती का विवाहित रूप,है अवतार मां चन्द्रघंटा का। जब सेअर्ध चन्द्र माथे पर सजाया,तब से चन्द्रघंटा कहलाती है।। बाघिन उनका बना वाहन,हाथ मां अपने दस दर्शाती हैं।। दाहिने हाथों... Hindi · कविता 1 1 36 Share Page 1 Next