कामचोर (नील पदम् के दोहे)
कामचोर देखे सदा, कहाँ बहाने चार, झूठे दर्द, झूठी दलीलें, हैं उसके औजार । कामचोर ने है किये, आजीवन येही काम, हर स्थिति को कोसना, खाना, सोना, आराम । कामचोर...
Poetry Writing Challenge-3 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपक नीलपदम · नजरिया-ए-नील पदम् · नील पदम् की कवितायेँ