दोहा – ८९
दोहा
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दृष्टि को व्यापक रखें, धारण करके मौन,
ऐसे मानुष को भला, करे पराजित कौन।
(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
दोहा
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दृष्टि को व्यापक रखें, धारण करके मौन,
ऐसे मानुष को भला, करे पराजित कौन।
(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”