Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

मेरी बच्ची – दीपक नीलपदम्

मेरी प्यारी सी बच्ची,
पहले बसंत की प्रतीक्षा में,
लेटी हुई एक खाट पर
मेरे घर के आँगन में।
प्रकृति की पवित्र प्रतिकृति
एकदम शान्त, एकदम निर्दोष
अवतरित मेरे घर
परमात्मा की अनुपम कृति।
देखती टुकुर-टुकुर
कभी इधर, कभी उधर,
निगहबानी में है सब
कौन कब गया किधर,
हाथों को, पैरो को
जोर से पटकती है,
मेरी प्यारी सी बच्ची
आनंद की अतिरेकता में।
सभी के चेहरों को
अच्छे से परखती है,
आप के हँसते ही
मुस्कान त्वरित बिखेरती है,
मेरी प्यारी सी बच्ची।
देखती है- भाई के
आने को, जाने को
उठकर दो पग चलने को
शायद वो मचलती है,
मेरी प्यारी सी बच्ची।
हो जायेगी शनैः शनैः
थोड़ी बड़ी फिर और बड़ी
बैठेगी, रेंगेगी और
हो जाएगी खड़ी,
मेरी प्यारी सी बच्ची।
भाई को पकड़ने को
फिर वो दौड़ेगी,
घर के किसी सामान का
अध्ययन नहीं छोड़ेगी,
पढ़ेगी, बढ़ेगी
होगी पैरों पर खड़ी,
ऐसी होगी बेटी मेरी
दूर रहेगी छड़ी,
मेरी प्यारी सी बच्ची।
घर फिर भी ये मगर
वो सराय ही पायेगी
दिन दो-चार बिता
पी के घर जायेगी,
सारी उम्र का वहाँ
आशियाँ बसाएगी,
लडकियाँ उस रोज़ को
सबसे अधिक खलती हैं
मेरी प्यारी सी बच्ची।
अनुमति लेकर आएगी
आदेश पर जाएगी,
फिर भी घर भर की आँखों के
मोती बन बसती है,
मेरी प्यारी सी बच्ची।
इस तरह हर बार फिर
बिदा बेला आएगी,
आते वक़्त हँसाएगी
जाते वक़्त रुलाएगी,
ऐसे ही बिदा के पलों से
दुनिया डरती है,
मेरी प्यारी सी बच्ची।

(c)@ दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

3 Likes · 182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
View all

You may also like these posts

"" *चाय* ""
सुनीलानंद महंत
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
प्राण मिलन
प्राण मिलन
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
$úDhÁ MãÚ₹Yá
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
चाय की चमक, मिठास से भरी,
चाय की चमक, मिठास से भरी,
Kanchan Alok Malu
ख्याल
ख्याल
sheema anmol
मोहब्बत
मोहब्बत
AVINASH (Avi...) MEHRA
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
"चाँद सा चेहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
3501.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3501.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
**नियति बनाम स्वेच्छा**
**नियति बनाम स्वेच्छा**
sareeka
*आया धन तो साथ में, लाया अशुभ विचार (कुंडलिया)*
*आया धन तो साथ में, लाया अशुभ विचार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जानते है
जानते है
Kunal Kanth
चलो ! चलें उस सफ़र पर
चलो ! चलें उस सफ़र पर
Shubham Anand Manmeet
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
ये जरूरी तो नहीं
ये जरूरी तो नहीं
RAMESH Kumar
दुल्हन
दुल्हन
शिवम "सहज"
पिता
पिता
विशाल शुक्ल
वनिता
वनिता
Satish Srijan
हत्या
हत्या
Kshma Urmila
"चैन से इस दौर में बस वो जिए।
*प्रणय प्रभात*
"कुछ भी बाद के लिए मत छोड़ो।
पूर्वार्थ देव
राम नाम की जय हो
राम नाम की जय हो
Paras Nath Jha
किसने किसको क्या कहा,
किसने किसको क्या कहा,
sushil sarna
Kooda
Kooda
Dr.VINEETH M.C
किसी का चले जाना
किसी का चले जाना
हिमांशु Kulshrestha
सब्र का फल
सब्र का फल
Bodhisatva kastooriya
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
पूर्वार्थ
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
Loading...