Anjali Singh 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anjali Singh 8 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत कब तेरी संदल सी खुशबू, दिल -ओ-दिमाग पर तारी हो गई -पता ना चला, कब तेरा इंतज़ार सुबह और मेरी शाम की आदत बन गई -पता ना चला, कब तुझसे... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 4 167 Share Anjali Singh 8 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत जब से मां का नाम इबादत में जोड़ा है, मालिक के सजदे में सर को झुका दिया है, हर एक दुआ क़बूल हुई है, नेमतों से झोली भर गयी है,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 3 162 Share Anjali Singh 3 Jun 2023 · 1 min read शुक्रिया मैं शुक्रगुज़ार हूँ हर उस निगाह की, जिसने जिंदगी में दिलासा दिया, भरोसा दिया, उन सारी हथेलियों का बहुत बहुत शुक्रिया जिन्होंने, आंधियों में चराग़ बुझने ना दिया, मैं तहे... Poetry Writing Challenge 3 222 Share Anjali Singh 3 Jun 2023 · 1 min read जन्म दिन चार -चार बहनों का वो एक भाई, माता -पिता की आँखों का तारा, बहनों की ना जाने कितनी उम्मीदों, और, ना जाने किस -किस समय का सहारा, भैया की सालगिरह... Poetry Writing Challenge 1 1 287 Share Anjali Singh 2 Jun 2023 · 1 min read दो घूंट कई बरस के बाद अचानक, कल उसको देखा तो आँखें, भय मिश्रित विस्मय से जैसे, फैली की फैली रह गईं, कहां गया वह उल्लासित, उद्भासित चेहरा, जिसका पता पूछती खुशियां,... Poetry Writing Challenge 4 1 368 Share Anjali Singh 2 Jun 2023 · 1 min read बचपन कहाँ रह गये वो मेरे बचपन के दिन, वो भोले से प्यारे से, नाज़ुक से दिन, गाँव के बाहर वो बौराई अमराई, ये जिंदगी जिसे पीछे ही छोड़ आई, वो... Poetry Writing Challenge 393 Share Anjali Singh 1 Jun 2023 · 1 min read शपथ कुछ प्रश्न मेरी नन्हीं , अक्सर मुझसे पूछा करती है, मां! अमराई क्या होती है?आम्रकुंज कैसा होता है? सावन के झूलों वाला वो नंदन कानन, किस देश में होता है... Poetry Writing Challenge 1 381 Share Anjali Singh 1 Jun 2023 · 1 min read द्रौपदी के अनुत्तरित प्रश्न मैंने बहुत चाहा, कि भूल जाऊं सब कुछ, भूल जाऊं निर्लज्ज दुःशासन के अधम हाथ, बढ़े भरी सभा में, चीर मेरा हरने को, और क्षमा कर दूं पितामह की, असहाय,... Poetry Writing Challenge 1 295 Share Anjali Singh 31 May 2023 · 1 min read चाँद और लहरें बादलों की बारी से, दबे पाँव चुपके चुपके, हवा अंदर आई और चाँद के कानों में कुछ, गुनगुना गई, चाँद ने झरोखे की जाली से झांका -तभी - अलसाए दरिया... Poetry Writing Challenge 1 97 Share Anjali Singh 31 May 2023 · 1 min read सूर्य ग्रहण सृजनहार की उस रचना में, कालचक्र की उस घटना में, अतुलनीय सौंदर्य देखकर, निर्झर सी अबाध वाणी, कुछ यूं रीझी, अवरुद्ध हो गई, जीवन की शक्ति का उद्गम प्रतिपल क्षीण,... Poetry Writing Challenge 1 208 Share Anjali Singh 31 May 2023 · 1 min read समय की गोद समय की गोद कभी छोटी नहीं पड़ती, अनगिनत पलों को सहेजे, समेटे हुए, कोई पल छिटक कर बाहर नहीं आता, हां, कभी -कभी बाहर झांकता अवश्य है, कोई -कोई बचपन... Poetry Writing Challenge 360 Share Anjali Singh 30 May 2023 · 1 min read मैं विरोध में खड़ी हूँ मैं तहे दिल से हर एक बलात्कारी के विरोध में खड़ी हूँ। जब कोई नालायक, कुलांगार बेटा, शक्तिहीन हो चले, बूढ़े पिता -माता को- शारीरिक, मानसिक यातनाएं देता है तो,... Poetry Writing Challenge 1 2 206 Share Anjali Singh 30 May 2023 · 1 min read गुमशुदा मेरा एक अज़ीज़, एक मेरा हमसफ़र, न जाने कहाँ चल दिया छोड़कर, लड़कपन से मैं और मेरा वो साथी, थे कुछ ऐसे जैसे, दो जिस्म एक जां थी, सफ़र पर... Poetry Writing Challenge 1 385 Share Anjali Singh 29 May 2023 · 1 min read सीता से क्या भूल हुई अपने आराध्य श्री राम जी से क्षमायाचना सहित पूछ रही हूँ। चरण-धूल से गौतम नारी शापमुक्त कर दी रघुनंदन, सीता की वो भूल बता दो, इन चरणों की सेवा करके,... Poetry Writing Challenge 1 200 Share Anjali Singh 29 May 2023 · 1 min read रावण दहन जलते हुए दशानन ने पूछा क्या तुम में राम कोई, जो मुझको आग लगाते हो? प्रतिउत्तर में सुन रावण ऐसा होता है आखिर क्यों। अहंकार त्रेतायुग में या हो घमंड... Poetry Writing Challenge 1 78 Share Anjali Singh 28 May 2023 · 1 min read मुनिया की मां बरसों से जाने कितनी बरसातें और, जाने कितने तूफ़ान झेलती, मुनिया की मां के घर की दीवारें जब ढहने लग गयीं तब, उसने देखा उसके घर की नींव जहाँ थी,... Poetry Writing Challenge 118 Share Anjali Singh 28 May 2023 · 1 min read मिट्टी का दिया काले घुप्प अंधेरों से तन्हा लड़ता मिट्टी का दिया, जब भी तेज़ हवाएं आईं,कभी किन्हीं भी दो हथेलियों की एक ओट न इसने पाई, थक कर बुझने को हो आता,... Poetry Writing Challenge 130 Share Anjali Singh 28 May 2023 · 1 min read सोलहवां बरस जिंदगी को सोलहवें बरस का जामन लग जाते ही, जिंदगी की पल भर में जून बदल जाती है, गुलाबी ख़तों की भीनी -भीनी ख़ुशबुएं, सिरहानों की पनाह में परवान चढ़ने... Poetry Writing Challenge 75 Share Anjali Singh 28 May 2023 · 1 min read चलो ! ऐसा करते हैं रिश्ते, रिवाज़, उसूल और समाज, इन सबसे परे -चलो ऐसा करते हैं - दिल के जज़्बातों को एहमियत देते हैं। औरों की फ़िक्र कभी फ़िर करेंगे, ख़ुद को खुश करने... Poetry Writing Challenge 2 165 Share Anjali Singh 28 May 2023 · 1 min read किश्तें किश्तों में हमने हासिल की या किश्तों में जिंदगी खर्च दी? आग़ाज़ से ताइन्तहा, ये कशमकश जा़री रही। सबसे पहली किश्त भोले बचपने ने चुकता की - जब, खर्च करके... Poetry Writing Challenge 2 84 Share Anjali Singh 28 May 2023 · 1 min read छोडो़, जाने भी दो बीती बातें, बिसरी यादें, फ़िर से याद दिलाएं क्या, किस किस ने थे ज़ख्म दिए, उन सबके नाम गिनाएं क्या, किसने कब तक साथ निभाया, कौन किस मोड़ पे छोड़... Poetry Writing Challenge 2 2 150 Share Anjali Singh 28 May 2023 · 1 min read सफ़र बाकी अभी सफ़र था पर, हमसफ़र साथ-साथ हमक़दम हो कर, साथ-साथ चलने को राज़ी नहीं था। हम आगे बढ़ जाते तो-हमसफ़र छूट जाता, और, वहीं रुक जाते तो सफ़र टूट... Poetry Writing Challenge 327 Share Anjali Singh 28 May 2023 · 1 min read बहुत कुछ बाकी है अभी मेरा क़त्ल बाकी है मेरे क़ातिल, के, जिंदगी की प्यास मुझमें अभी बाकी है, दिल पे एक ख़ंजर शिद्दत से चला ज़ालिम, के, तेरे ख़ंजर में कितनी धार अभी... Poetry Writing Challenge 195 Share Anjali Singh 27 May 2023 · 1 min read ज़िंदगी से मुलाकात इधर कहीं आसपास ज़िंदगी दिखी क्या? मैंने उसे इसी तरफ़ आते हुए देखा था, तभी, जब बागों में कलियां थीं चटकीं, अमराई में देखना ज़रा -कोयल की कूक में, या,... Poetry Writing Challenge 165 Share Anjali Singh 27 May 2023 · 1 min read रिक्शेवाला उस रात कड़ाके की सर्दी से ,डर कर ही शायद, महानगर ,धुंध की रज़ाई में दुबका पड़ा था, लोग बंद कमरों में लिहाफ़ों में लिपटे या अंगीठियों को घेरे, कमरों... Poetry Writing Challenge 1 162 Share Anjali Singh 27 May 2023 · 1 min read अनमोल पल अपने और तुम्हारे बीच, स्वतः, सहज प्रस्फुटित पलों को-क्या नाम दूं? कोई नाम दे कर रिश्ते की मर्यादा में क्यूँ इनको, मैं सीमित, प्रतिबंधित कर डालूं? सागर की गहराई या... Poetry Writing Challenge 120 Share Anjali Singh 27 May 2023 · 1 min read सर्दियों में धूप से मुलाकात घर आते हुए रास्ते में धूप मिल गई, केसर घुले ताज़े कच्चे दूध की कटोरी सी, रेशम सी नर्म, चिकनी, कुछ गुनगुनी सी। मैंने कहा -चल ना -मेरी गली में... Poetry Writing Challenge 1 238 Share