छोडो़, जाने भी दो
बीती बातें, बिसरी यादें, फ़िर से याद दिलाएं क्या,
किस किस ने थे ज़ख्म दिए, उन सबके नाम गिनाएं क्या,
किसने कब तक साथ निभाया, कौन किस मोड़ पे छोड़ गया,
परदानशीनों के चेहरों से, छोडो़, नक़ाब उठाएं क्या,
ख़्वाब चुरा कर इन आँखों में, किसने किरचें भर दी थीं,
क्या हासिल होगा! अब उनका ज़िक्र ज़ुबां पर लाएं क्या,
कैसे कैसे नामेहरबां, हमसफ़र थे राहों में,
हर गली नाआशना थी, कभी भूल पाएंगे क्या,
किसको अपने ज़ख्म दिखाते, मरहम कहां से मिल पाता,
जाने भी दो, बीत गए दिन, फ़िर से सब दोहराएं क्या।