Arun Prasad Language: Hindi 537 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read ॥रक्तपात होना चाहिए॥ ----------------------------- रक्तपात होना चाहिए॥ पत्ते स्वयं झड़ते हैं, बुराइयाँ नहीं.... रक्त बहना ही चाहिए दोष तय करने के लिए। बचकर निकलना आदमी और जानवर दोनों के लिए आवश्यक है। पके... Hindi · कविता 292 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read युद्ध जरूरी है अभी ----------------------- लो,आदेश दिया कवि होते हुए भी, कोमल और करुण होते हुए भी। लो,संदेश दिया बूढ़ा होते हुए भी, अशक्त और बीमार होते हुए भी। लो,हौसला देता हूँ थका होते... Hindi · कविता 1 351 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read शुभकामनाओं से शुरू हुआ वर्ष यह --------------------------------------------- शुभकामनाओं से शुरू हुआ वर्ष यह। बधाई संदेशों से होगा संपन्न यह। अच्छी सोच और अच्छे विचार टहलते रहेंगे आदमी के मन में। समता की बातें करते हुए मिलेंगे... Hindi · कविता 158 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मुकरियाँमेरे द्वारा बिन इसके जीना क्या जीना! घुट-घुट केवल आँसू पीना। ताना सुनना,सब दिन वादी। कि सखि साजन? न सखी आजादी। हर पल उसकी बाट जोहती। मन,मन उसको खूब मोहती। जिसने है... Hindi · कविता 209 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read मृत्यु --------------------------------------------- पता नहीं मृत्यु को ‘पूरा’ है या अधूरा। खुद को याद नहीं रखता मृत्यु। मन में कोई अवसाद नहीं रखता मृत्यु। जीवन पूरा हो जाता है यहाँ, चाहे जितना... Hindi · कविता 260 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read काम* मैं तुम कामिनी ---------------------------- मैं चाँद हूँ तुम चाँदनी। मैं कंत हूँ तुम भामिनि। मैं राग हूँ तुम रागिनी। इतनी उतावली यमिनी। क्योंकि काम* मैं तुम कामिनी। तरुवर छटा बिखेरता। मुझ चाँद को... Hindi · कविता 245 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read मेरी हत्या करोगे? ----------------------------------- मैं लोगों से चाहता हूँ नफरत करना। काश! अच्छा लगता मुझे नफरत करना। स्नेह और दुलार से वंचित रहने दिया मुझे,इसलिए। किसी ने मेरी परवाह नहीं की,इसलिए। मैं बुझा... Hindi · कविता 410 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मेरी जीवन व्यवस्था ------------------------------- प्रारंभ पढ़ाई-लिखाई से नहीं कमाई से, होता है जीवन। वह दसवें वर्ष में इसलिए जवान हो गया। और मैं तिसवे वर्ष में इसलिए। शिक्षा का उजाला मुझे इतने दिनों... Hindi · कविता 241 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मिट्टी खोदकर तुमने मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर साष्टांग, हमने दक्षिणा वसूले।... Hindi · कविता 197 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता मानव का ----------------------------------- तन से मानव,मन से मानव। आप नहीं क्या प्रण से मानव? मानवता दिखलाना पड़ता। दु:ख में साथ निभाना पड़ता। मानवता की कुछ शर्तें हैं। घृणा,द्वेष गहरी गर्ते हैं। उनसे... Hindi · कविता 151 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता मानव का ----------------------------------- तन से मानव,मन से मानव। आप नहीं क्या प्रण से मानव? मानवता दिखलाना पड़ता। दु:ख में साथ निभाना पड़ता। मानवता की कुछ शर्तें हैं। घृणा,द्वेष गहरी गर्ते हैं। उनसे... Hindi · कविता 218 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता ईश्वर का गुण ------------------------------------- सूरज की किरणें,जीवन का संकल्प है। पृथ्वी से इतर सारे ग्रहों पर गल्प है। जीव ईश्वर का गतिज-यंत्र तो नहीं! और शक्ति-दाता सूर्य,तंत्र तो नहीं। प्राण का विश्लेषण है... Hindi · कविता 453 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read माँ (अरुण कुमार प्रसाद) -------------------------- रोती है माँएँ। संतान वास्ते अति। जन्म देकर। खोती है माँएँ। अपना सुख चैन। सोती है माँएँ। अधूरी नींद। तनिक सी पीड़ा से। संतान की वे... Hindi · कविता 398 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read माँ शारदे! ======================= माँ शारदे! दे ममत्व का दान मुझे। वरद हस्त मेरे मस्तक पर देवि तू धर दे। मेरे संबल,बुद्धि,बल का ज्ञान करा दे मुझे। वर दे सहस्त्र शत बार मुझे।... Hindi · कविता 201 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read महान राष्ट्र ------------------------------ स्थिर हो राष्ट्र तो, महान होने की संभावना तो है। पर, होनी चाहिए प्रतिबद्धता स्थिर। खण्डित मन में राजनीति नहीं। और राजनीति में खण्डित मन नहीं। महानता शब्द में... Hindi · कविता 222 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read सीधी लाईन का मातृ-दिवस -------------------------------------------------------------- मातृत्व जन्म देने से है जुड़ा? या वात्सल्य के वरदान से गढ़ा? वात्सल्य कर्तव्य है या करुणा से उपजी प्रतिक्रिया? स्वाभाविक रक्षण की प्रेरणा,अनुवांशिक अभिक्रिया? जैविक कोशिकाओं का गुण-धर्म?... Hindi · कविता 531 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read भोग की नियति तो है ही ध्वंस ------------------------------------- भोग की नियति तो है ही ध्वंस मैं राम हूँ। परंपरा निभाता हुआ राम। मेरा अस्तित्व किन्तु, है रावण। संस्कारगत लाम। भोग की नियति तो है ही ध्वंस। जीवन... Hindi · कविता 188 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read हाइकु--भगवान से भगवान से --अरुण कुमार प्रसाद ----------------------- भगवान से। गुजारिश करें कि रोये कोरोना। सारा प्रभाव। वो, हैवानियत का । खोये कोरोना। पौधे मौत का गली-मोहल्ले में न, बोये कोरोना। बीमार... Hindi · हाइकु 510 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read बोध,कर्तव्य का ----------------------- कर्तव्यच्युत नहीं होते कभी तरु,तरुवर;घास-फूस भी। निर्धारित है उनका कर्तव्य। अंकुरण से मरण तक! मिट्टी से सोखकर सत्त्व हमारे भरण तक। बोध भी उनको। भूले तुम क्यों? ठेकेदार बुद्धि... Hindi · कविता 307 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read बेवकूफ हाइकू ----------------------- प्रश्न से दूर। बेवकूफ हाइकू। मनुष्य भी है। चाँदनी ही क्यों? बेवकूफ हाइकू। तपता मन! सबके लिए। बेवकूफ हाइकू। खोलो बदन। है रेगिस्तान। फैलता,सिकुड़ता। नि:शब्द दर्द। कितना दु:ख! बेवकूफ... Hindi · हाइकु 550 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read पैमाना, दु:ख का (अरुण कुमार प्रसाद) -------------------------------------------- मुझे भोजन नहीं मिला मैं दु:खी हूँ। मुझे वस्त्र नहीं मिला मैं दुखी हूँ। मुझे छत नहीं मिला मैं दुखी हूँ। ये मौलिक दु:ख हैं। दु:ख... Hindi · कविता 176 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read पन्द्रह अगस्त ------------------ विश्व तुम्हारे लिए अंक का संयोजन होता पन्द्रह अगस्त। किन्तु,हमारे लिए राष्ट्र का होता यह दिन अति ही पवित्र। आजादी का तिलक लगाकर फिर आयेगा पन्द्रह अगस्त। बलिदानों की... Hindi · कविता 251 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती - -----------------------अरुण कुमार प्रसाद देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती। नहीं हो सकती तुम माँ,यशोदा की अपेक्षा। हाँ,तुम माँ हो, क्योंकि,तुमने किया प्रवृत वसुदेव को। विचार किया और संतान की,की रक्षा।... Hindi · कविता 1 1 250 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read संकल्प प्रीत का -------------------------------------------- देखा मैंने तुम्हें अंधेरे से निकलती हुई प्यार बरबस दिल के अंदर भर गया। तुम्हारे चेहरे पर डरा हुआ देखा तुम्हें सारे हौसले देने तुम्हें दिल मचल गया। तुम्हारे... Hindi · कविता 218 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read दर्पण की तलाश ------------------ सामने दर्पण के खड़े होने से डरता है आदमी। क्षणभर में ही हजारों मौत मरता है आदमी। आ जाता है तमाम सारा करतूत सामने जीवन भर जो-जो करता है... Hindi · कविता 192 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मुकरीयां तेरे बिन सावन है सूना। दिन रातों से सूना दूना। भोर मचाए झूठा शोर। वो सखी साजन? नहीं सखी घटा घनघोर। रात में दिन का भरा उजाला। आगे सब कुछ... Hindi · मुक्तक 179 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारे द्वार पर चिट्ठी हमारा रख गया होगा ----------------------------------------------- --------- तुम्हारी खिड़कियों से चाँद ने झाँका तुम्हें कुछ कह गया होगा. तुम्हारे द्वार पर चिट्ठी हमारा रख गया होगा. अवध की शाम में झंकृत वो वीणा कस गया होगा.... Hindi · कविता 153 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारा पुराण मिला है तुम्हें ---------------------------------------------------- जैसा काबिल बने तेरे हिस्से में वो मिला है तुम्हें। जो भय था तुम्हारे किस्से में वो मिला है तुम्हें। खुशियों के कुछ पल गये खिलखिला है तुम्हें। दु:खों... Hindi · कविता 181 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read तमाम लोग ही दुश्मन की तरह देखते हैं तुम्हें। तमाम लोग ही दुश्मन की तरह देखते हैं तुम्हें। अपने राह का और एक, कांटा मानते हैं तुम्हें । साफ कर सको अपनी राह तो निकलना यारो। किसी बहकावे में... Hindi · कविता 193 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read जो हथियारों से सजते --------------------------------------------------- जो हथियारों से सजते वे क्रूर और हत्यारे हैं। कहते खुद को बाहुबली पर,वे खुद से हारे हैं। सत्ता-लोलुपता उसके रोम-रोम में भरा हुआ। दम भरते मानव का,दानव अंदर... Hindi · कविता 207 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read जीवन और ईश्वर ------------------------------ जीवन शाश्वत है प्रारंभ नहीं,अंत नहीं। आस्था के कारण मानना नहीं, ईश्वर का अस्तित्व। आस्था के कारण नहीं, ईश्वर। ईश्वर तो है उपस्थित। कहने से नहीं किसी के। उपस्थित... Hindi · कविता 446 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read जमाने से ही तेरी दुश्मनी है कह, करोगे क्या? ---------------------------------------------- जमाने से ही तेरी दुश्मनी है कह, करोगे क्या? तुम्हारे हाथ में सत्ता है बोलो अब करोगे क्या? जब चुनना था तुमने धर्म,गोत्र,जाति था चुना। वे ही तेरे विरुद्ध... Hindi · कविता 269 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read गीत--जब हो रात अधूरा आ जाना पूरा करने ओ,प्रियतमा जब हो रात अधूरा आ जाना पूरा करने ओ,प्रियतमा। बहुत अंधेरे में प्यार हमारा खो जाए न ओ,प्रियतमा। रस्म निभाना नहीं प्रियतम ये, कसमें है पूरा करना । एकाकी हम... Hindi · गीत 181 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read चलो,वहाँ सूरज है --------------------------------- कठिन ही है शहर, गाँव के लिए। और गाँव भी अत्यंत कठिन शहर के लिए। सभ्यता ऐसी कि कर देता है फर्क। संस्कृति इतनी सी कि हर बात पे... Hindi · कविता 306 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read उड़ें चलो -------------------------------- चलो उड़ें नभ में। नभ के गौरव में। उस गौरव का रसपान करें। सूर्य,चंद्र,तारों को छूकर अपना आ सम्मान करें। व्योम ब्याह कर ले आएंगे। स्याह अन्तरिक्ष का धो... Hindi · कविता 148 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read गुस्से का गजल ------------------------------------------------- क्यों हो नहीं सकता, यहाँ गुस्से का गजल। जीते हैं लोग हर दिन यहाँ गुस्से का गजल। प्यार सिर्फ कथाओं में है जीता हुआ मिला। व्यवहार में सुनते-सुनाते वे... Hindi · कविता 185 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 6 min read सत्य गाँव?-असत्य गाँव ? ------------------------------------- गाँव तुम्हारे प्रांगण में देखा गहराते तेरा छांव. ओठों पर स्मित हंसी देखी तन पर चीथड़े का लटका पांव. दर्द नशा सा छाया था नशा दर्द का साया था.... Hindi · कविता 454 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read गाँधी को हक दे दो -------------------------------------------- अब गांधी को आओ, उसका हक दे दो। रस्तों से उठाओ,जीवन में जगह दे दो। संकल्प उनका सुधिजन,अधूरा नहीं रहे। चाहे तो तन,मन,जीवन;प्राण तक दे दो। युग का तुम्हारे... Hindi · कविता 180 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read गजल- जिसे जीना नहीं आया --------------------------------------------------------------- जिसे जीना नहीं आया उसके हिस्से में रोना आया। मेरे हिस्से में आया तो बस स्याह सा कोना आया। हम जिसे जिन्दगी समझ रहे हैं जी,मौत से बदतर। तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read सच है जरूर, केवल पर श्मशान में -------------------------------------------- कौन सा सच जिंदा रहा है इस जहान में? कितने ही सारे सच दफन हैं हर मकान में। उल्लू की आँख है ये सच बोलता नहीं। है दफन सारे... Hindi · कविता 1 212 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read हाँ,जिंदा हूँ ------------------------------------------- कोई वजह नहीं है फिर भी जिंदा हूँ। जिन्दगी तुम्हें जीते हुए शर्मिंदा हूँ। काश! गीत, गजल की तरह जीता। काश! करुण रस की तरह ही पीता। वीभत्स रस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 176 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read किसे कर्म कहें! ------------------------ किसे कर्म कहें? भारत को या महाभारत को? गीता ने पार्थ को जो बताया? अर्जुन का अनुशरण? दुर्योद्धन का असत्य घोषित सच्चा कथन? युधिष्ठिर का निर्णय जुए का? दु:शासन... Hindi · कविता 157 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read कवि ------------------------ मैं कवि नहीं हर कविता का शृंगार हूँ मैं । क्षण में बहता जल जैसा क्षण में दहका अंगार हूँ मैं। जो भोगा जीवन-पथ पर चलता, जो ढहते लोगों... Hindi · कविता 230 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read परिभाषा का धर्म --------------------------------------------------------------------- धर्म सहिष्णुता का स्निग्ध-चादर ओढ़े हुए असहिष्णु लोग हैं। लोगों का सहज सुस्वभाव नहीं यह उनका अवमूल्यित-रोग है। मूल्य वहाँ नहीं जाते हैं गढ़े जहाँ वस्तुएँ होती हैं उत्पादित।... Hindi · कविता 582 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read उठ सखि उठ ---------------------------------------------------- उठ सखि उठ रवि आया। उठ गए पंक्षी नीड़ छोडकर तू भी अँखिया खोल। अंबर ने अंगड़ाई लेकर, कर लिया आंचल गोल। रात सो गई क्षितिज अंक में,किरण की... Hindi · गीत 178 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read ईश्वर आप मुस्कुराइये --------------------------- ईश्वर आप क्यों हैं उदास? थके-थके से और अत्यंत हताश। हम हैं झेलने आपके दु:ख,दर्द,व्यथा,त्रास। तृष्णा,लोभ,लिप्सा ,अहंकार का,आपका,आदि व अनंत प्यास। सृष्टि आपकी है आप मुस्कुराइए। बुराइयाँ मानव के... Hindi · कविता 217 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read शहर के लोग हैं --------------------------------------------------- इस शहर को लूटने वाले इस शहर के लोग हैं। लौह के मोटे कवच को काँच करदे ये लोग हैं। लूटना फितरत है इनकी,लूट से बचने जतन, कह के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read आश्चर्य है! ----------------------------------------------- जब कविता सोचता मन और लिखता हूँ मैं। आश्चर्य अपने को ही खुद को बेचता हूँ मैं। जंगल की पीड़ा बताता हूँ,उसका हाल दिखाता हूँ मैं। रोज अपने पलंग... Hindi · कविता 1 197 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read आपके पास बचा रहता है सर्वदा, मृत्यु ---------------------------------------------------------- आपके पास बचा रहता है सर्वदा, मृत्यु। खो चुके होते हैं आप जिंदगी । मृत्यु जिसे आप जी नहीं पाते,रोते हैं सिर्फ। जिन्दगी आपको देता है पश्चाताप और अनवरत... Hindi · कविता 154 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read हाइकु--मन तांडव मन तांडव। तन कुरुक्षेत्र हो। प्रण टूटे ना। व्रत कुंडों में। मथें उदधि मन। स्वारथ स्वाहा। अश्वमेध है। रक्षण या उगाही। दम्भ का यज्ञ। अहंकार है। होगा ही भूलुंठित। आ,गा,बजा... Hindi · हाइकु 321 Share Previous Page 5 Next