jyoti jwala 635 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next jyoti jwala 14 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक " तड़पते हैं न रोते हैं न हम फ़रियाद करते हैं सनम की याद में हर-दम ख़ुदा को याद करते हैं उन्हीं के इश्क़ में जिन्दा हैं बस उम्मीद है... Hindi · मुक्तक 247 Share jyoti jwala 13 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक " मल्लाह बन के बैठे थे कल तक जो नाव में लो आज वो भी व्यस्त हैं अपने बचाव में, इन्हें मंदिर से कुछ लगाव न मस्जिद से कोई काम... Hindi · मुक्तक 218 Share jyoti jwala 4 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक " भले ही फेरिये माला सुबह से शाम तक लेकिन, न जब तक नाम लें दिल से तो नही वो जाप होता है, कभी अभिशाप भी होता किसी वरदान के... Hindi · कविता 355 Share jyoti jwala 4 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक " दिल में नरमी रख लो लेकिन, तेवर में खुद्दारी रखो, जब तक हो इस दुनिया में, कुछ तो दुनियादारी रखो " Hindi · मुक्तक 229 Share jyoti jwala 4 Jan 2019 · 1 min read कविता गिरकर और सँभलकर कर पहुँचे, मंज़िल तक हम चलकर पहुँचे, तुम पहुँच गये अपनों से आगे, पर अपनों को छलकर पहुंचे, आवभगत पाने कि खातिर तुम तो वेश बदलकर पहुँचे,... Hindi · कविता 296 Share jyoti jwala 25 Dec 2018 · 1 min read कविता क्यों हाथ कटोरा लिए हुए बचपन सड़कों पर आया है? क्यों भूख, गरीबी, लाचारी का बादल देश पर छाया है? हर संकट की एक वजह नित बढ़ती भ्रष्टाचारी है, निज... Hindi · कविता 516 Share jyoti jwala 19 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक प्रीत दिलों में भरती हूँ मैं सब कहते फनकारी है, सुख-दुःख से हँसकर मिलने की मैंने की तैयारी है, चाहे गलत हों चाहे सही हों पर जज्बात ये मेरे हैं,... Hindi · मुक्तक 463 Share jyoti jwala 18 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक ज़मीं को लाख जोतो वो कभी शिकवा नहीं करती, लुटा धन धान अपने नाम एक पौधा नहीं करती, उसे गिर गिर के उठने का हुनर भी ख़ूब आता है, दीये... Hindi · मुक्तक 244 Share jyoti jwala 5 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक ख्वाबों की बात हो न ख्यालों की बात हो मुफलिस की भूख उसके निवालों की बात हो अब ख़त्म भी हो गुज़रे जमाने का तरीका इस तीरगी में कुछ तो... Hindi · मुक्तक 2 347 Share jyoti jwala 5 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक हमे तो जंग में अक्सर बहुत कुछ खोना पड़ता है किसी पत्थर से टकराने को पत्थर होना पड़ता है अभी तक नींद से पूरी तरह रिश्ता नहीं टूटा अभी आँखों... Hindi · मुक्तक 520 Share jyoti jwala 5 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक उस दौर में सुनते हैं के घर-घर में बसी थी, इस दौर में हम शर्मो-हया ढूँढ रहे हैं। वैसे तो पाक दामनी सबको पसंद है, फिर आप क्यों औरत में... Hindi · मुक्तक 232 Share jyoti jwala 5 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक उगे शायद ज़मीं से ख़ुद-ब-ख़ुद दीवार बैठे हैं समझते हैं की हम दरिया-ए-ग़म के पार बैठे हैं ऐसी न थी दुनिया अभी कल तक ये आलम था यहाँ दो चार... Hindi · मुक्तक 371 Share jyoti jwala 1 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक तेज़ धूप है तुम करते हो हमसे मधुमासों की बात, सोचो किसको भली लगेगी मिथ्या विश्वासों की बात हम लोगों को कथा सुनाकर झाँसी वाली रानी की, जनसेवक कहलाने वाले... Hindi · मुक्तक 3 2 298 Share jyoti jwala 14 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक देख उसको ख़ुदा सोचता रह गया उसके होठों पे कुछ काँपता रह गया जिस तरह जी सकें जिंदगी को जियें आजकल बस यही फ़लसफ़ा रह गया। Hindi · मुक्तक 3 222 Share jyoti jwala 14 Nov 2018 · 1 min read माँ सरस्वती स्वागत करूँ मैं माता हंसवाहिनी तुम्हारा यशगान बस तुम्हारा ही लक्ष्य हो हमारा, माँ शारदे नमन हो चरणों में नित तुम्हारे तुमने ही' निज जनों को अज्ञान से उबारा, आयी... Hindi · गीत 4 2 511 Share jyoti jwala 9 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक शमा की तेज़ लौ होते धुआँ तो हो ही जाता है, करो जब फ़ायदे का काम ज़ियाँ तो हो ही जाता है, नतीजे के लिए बैठे रहे हम उम्र भर... Hindi · मुक्तक 1 302 Share jyoti jwala 7 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक मेरी भूखी निगाहों में शराफत ढूंढने वाले, तेरी सोने की थाली में मेरे हक़ के निवाले हैं, हमारी झोपडी का कद बहुत ऊंचा नहीं लेकिन तेरे महलों से ज़्यादा तो... Hindi · मुक्तक 3 2 501 Share jyoti jwala 2 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक कभी तो ख्वाब सी लगती कभी लगती हकीक़त सी, मिली है ज़िन्दगी इक क़र्ज़ में डूबी वसीयत सी, कभी जिनके इशारों पर हवाएँ रुख बदलती थी., हवाएँ कर रहीं हैं... Hindi · मुक्तक 6 1 302 Share jyoti jwala 1 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक वक़्त के साँचे में ढल कर हम लचीले हुए, रफ़्ता-रफ़्ता ज़िन्दगी के पेंच सब ढीले हुए, इस तरक़्क़ी से भला क्या फ़ायदा हमको हुआ? प्यास तो कुछ बुझ न पाई,... Hindi · मुक्तक 5 482 Share jyoti jwala 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ के संग बीते लम्हों के पन्नों को मै खोलूँगी, बचपन की मीठी यादों के रस कविता में घोलूँगी, रातों को जब बचपन में मुझे नींद न आया करती थी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 42 998 Share jyoti jwala 31 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक आदमी जैसे घिरा है अजगरों के बीच, चंदन सी ज़िंदगी है विषधरों के बीच, ख़ुद ही अब बताएंगे कि हम ख़ुदा नहीं, आज गुफ़्तगू हुई ये पत्थरों के बीच.... Hindi · मुक्तक 3 1 273 Share jyoti jwala 29 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक वीरों की गौरव गाथाएँ पावन वेद पुराण है, एक हाथ में रहती गीता दूजे हाथ कुरान है, ऋषि मुनियों की धरती है यहां बहती गंगा की धारा, हम सबके दिल... Hindi · मुक्तक 2 233 Share jyoti jwala 29 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक ज़माने का कैसा चलन है निराला, वही काटते सिर जिन्हें हमने पाला, निगेहवान समझे थे जिसको वतन का, अब वतन को हमारे वही बेच डाला, Hindi · मुक्तक 2 283 Share jyoti jwala 21 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक गिरगिट-सा रंग बदलते मैंने इंसानो को देखा है, अपनों को भी छलते मैंने बेईमानों को देखा है, मानवता शर्मिंदा होती है नित दिन चौराहों पर, डोली से पहले अर्थी चढ़ते... Hindi · मुक्तक 8 1 512 Share jyoti jwala 9 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक काँटों सी हुईं साजिशें गुब्बारे सा नेह, विकलांगों सी दिख रही है रिश्तों वाली देह, मानवता के द्वारे -द्वारे बिखर गया है कीचड़ दल दल, सूख गयी आशा की नदिया... Hindi · मुक्तक 2 430 Share jyoti jwala 6 Oct 2018 · 2 min read " प्यारी कुक्कू " एक गांव में कुक्कू नाम की एक छोटी सी लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती है । एक दिन वह अपने घर के बाहर खेल रही होती है तभी उसकी... Hindi · कहानी 2 347 Share jyoti jwala 24 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक हाथों के मेहंदी की लाली तनिक नहीं धुंधलाई थी, आँखों में काजल की रेखा ज्यों की त्यों ही छाई थीं, सोचो क्या बीती होगी उस दुल्हन के दिल पर साथी?... Hindi · मुक्तक 1 545 Share jyoti jwala 18 Sep 2018 · 1 min read माँ? मेरी विनती सुन लो माँ, द्वारे तुम्हारे आये हैं, हाथों में फूलों की माला, तुझे चढ़ाने लाये हैं, मैया तुम हो दुःखहर्ता, मेरी भी विनती सुन लो, खाली झोली माँ... Hindi · गीत 1 289 Share jyoti jwala 17 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक हे नारी तुम विश्वकर्मा हो, तुम जीवन का आधार हो, तुम तो ममता का सागर हो, तुम शक्ति का भंडार हो , तुम जननी हो, निर्माता हो, तुम प्रकृति का... Hindi · मुक्तक 1 216 Share jyoti jwala 16 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक महल बनाने को ख़्वाहिश में हमारे घर ले गए, छीन कर झोंपड़ हमारे कुछ सिकन्दर ले गए, मैंने अपने साल भर के सारे मौसम खो दिए, कहने को तो दीवार... Hindi · मुक्तक 1 405 Share jyoti jwala 16 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक रियासत जब भी ढहती है नवासे दुख उठाते हैं, कहीं पंचर बनाते हैं कहीं तांगा चलाते हैं, बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी कमाते हैं, सुबह से शाम तक... Hindi · मुक्तक 1 496 Share jyoti jwala 16 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक आदमी जैसे हो कुछ अजगरों के बीच, चंदन सी ज़िंदगी है विषधरों के बीच, ख़ुद ही अब बताएंगे कि हम ख़ुदा नहीं, आज गुफ़्तगू हुई ये पत्थरों के बीच। Hindi · मुक्तक 2 251 Share jyoti jwala 16 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक ज़रूरत से ज़्यादा न तू अपना विज्ञान रख, जरा सलीके से गीता और कुरान रख, बहुत हुई महलों की फिक्र, छोड़ दे, बेघरों के हिस्से में भी कोई मकान रख। Hindi · मुक्तक 1 222 Share jyoti jwala 16 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक बीज बोये बिन फ़सल नहीं होते, जीवन के हिस्से में कभी कल नहीं होते, विवशताओं ने पागल कर दिया होगा, ख़्याल बचपने से कभी चँबल नहीं होते, Hindi · मुक्तक 1 267 Share jyoti jwala 16 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक मन में आग अधर हैं प्यासे चेहरों पर फिर भी मुस्कान, मृत आवाज़ों का कोलाहल मीलों तक बस्ती बीरान, इंसानों का जंगल दुनिया चेहरे दर चेहरे इंसान, जग में आकर... Hindi · मुक्तक 1 213 Share jyoti jwala 15 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक सूरज की रोशनी को, परदे तले छिपाना , क्यूँ चाहते हो साहिब, मुझसे नज़र मिलाना , तूफान है नज़र में, साँसों में आंधियाँ हैं , सीखा नहीं है हमने, आहिस्ता... Hindi · मुक्तक 409 Share jyoti jwala 15 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक प्यार लिख लेना भले तलवार लिख देना , बात को इस पार या उस पार लिख देना, जब यकीं ही न रहा हो तो मुनासिब है , दो दिलों के... Hindi · मुक्तक 1 227 Share jyoti jwala 14 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक चलाना ज़ोर फूलों पर बहुत आसान है साहिब मैं डाली ख़ार वाली हूँ मुझे पकड़ो नफ़ासत से, परिंदा शाम को फिर से क़फ़स में लौट आया है न जाने कौन... Hindi · मुक्तक 268 Share jyoti jwala 13 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक मेरा दिल इस तरह तोड़ो के आईना बधाई दे, तुम इतना याद मत आओ के सन्नाटा दुहाई दे, किसी को मख़मलीं बिस्तर पे भी मुश्किल से नींद आ, किसी को... Hindi · मुक्तक 1 380 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read फूट-फूटकर माँ रोई , बेटों के बँटवारे पर। आँगन में दीवार पड़ गयी, छाया सन्नाटा द्वारे पर, फूट-फूटकर माँ रोई , बेटों के बँटवारे पर, हमने ढलते आँसू देखे , तुलसी के चौबारे पर, फूट-फूटकर माँ रोई, बेटों... Hindi · कविता 299 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read " हिंदी " हिन्दी इस देश का गौरव हो, हिन्दी भविष्य की आशा हो, हर दिल की धड़कन हो हिंदी, हिन्दी जन-जन की भाषा हो, कबीर ने हिंदी अपनाया, मीरा ने इसको मान... Hindi · कविता 1 324 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक सोचा ना था मैंने यारो मौसम ये छल जाएगा, सावन-भादों की बारिश में घर मेरा जल जाएगा, रंजोग़म की लम्बी रातें इतना मत इतराओ तुम, निकलेगा कल सुख का सूरज... Hindi · मुक्तक 527 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read " तीज मुबारक " सुन लो मेरे प्यारे सजना, तीज की रीत निभानी है, आपके नाम की हाथो में मेहँदी आज रचानी है, सब्जी हमने काट दिया, रोटी तुम्हें बनानी है, घर तो वैसे... Hindi · कविता 331 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read " घी, दूध, छाछ, मलईया गायब " सोफा, पलंग, ने जगह बनाया, घर से है चारपईया गायब, कच्चे घर अब पक्के बन गए, हर घर से अँगनइया गायब, सोहर, कजरी, फगुवा, बिरहा, दोहा और सवइया गायब, स्विमिंग... Hindi · कविता 314 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक अँधेरा जब मुक़द्दर बन के घर में बैठ जाता है, मेरे कमरे का रोशनदान तब भी जगमगाता है, किया जो फ़ैसला मुंसिफ़ ने वो बिल्कुल सही लेकिन, ख़ुदा का फ़ैसला... Hindi · मुक्तक 244 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read कुर्सी है बेदाग़ कहाँ? कुर्सी है बेदाग़ कहाँ, सारे दागी बैठ गये? सड़कों पर चिल्लाने वाले थककर बाग़ी बैठ गये, मंचों पर खु़ददारी जो बयाँ किया करते थे साहब, पता चला बाज़ारों में ख़ुद... Hindi · कविता 436 Share jyoti jwala 11 Sep 2018 · 1 min read है सच में देश महान यही हम देख रहे हैं? वादों के पूल पर बैठी सरकार यही हम देख रहे हैं, महंगाई की बढ़ती नितदिन मार यही हम देख रहे हैं, क्या सच में आये हैं अच्छे दिन जीवन में... Hindi · कविता 216 Share jyoti jwala 7 Sep 2018 · 1 min read स्वयं ज्योति जली कब जलाए बिना? गम से लड़ने को आतुर हो क्यों इस तरह? गम मिटता है कब मुस्कुराये बिना? ज़िन्दगी में चटक रंग कब हैं भरे , सोये अरमान के कुलबुलाए बिना, एक तारा... Hindi · गीत 1 557 Share jyoti jwala 7 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक कभी तो ख्वाब सा लगता कभी लगती हकीक़त सी, मिली है ज़िन्दगी इक क़र्ज़ में डूबी वसीयत सी, कभी जिनके इशारों पर हवा का रुख बदलता था , हवा करने... Hindi · मुक्तक 1 434 Share jyoti jwala 6 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक होंठ पर किलकारियों का नाम हो जैसे, ज़िन्दगी फुलवारियों का नाम हो जैसे, मन भिगोया तन भिगोया आत्मा भीगी, प्यार ही पिचकारियों का नाम हो जैसे। Hindi · मुक्तक 234 Share Previous Page 9 Next