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31 Oct 2018 · 1 min read

मुक्तक

आदमी जैसे घिरा है अजगरों के बीच,
चंदन सी ज़िंदगी है विषधरों के बीच,
ख़ुद ही अब बताएंगे कि हम ख़ुदा नहीं,
आज गुफ़्तगू हुई ये पत्थरों के बीच….

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 272 Views

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